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तुलसी की माला पहनने के ये होते है नियम, बिना जानें ना डालें गले में

तुलसी की माला

तुलसी की माला भारतीय संस्कृति और धर्म में बहुत महत्व रखती है। इसे विशेष रूप से हिंदू धर्म में पूजा, जाप और ध्यान के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है और मानसिक शांति मिलती है। लेकिन, तुलसी की माला पहनने के कुछ खास नियम होते हैं, जिन्हें जानना जरूरी है। इन नियमों को जानकर ही माला पहननी चाहिए ताकि इसका सही लाभ मिल सके।

1. माला की शुद्धता का ध्यान रखें
तुलसी की माला को हमेशा शुद्ध और साफ रखना चाहिए। माला पहनते समय यह सुनिश्चित करें कि वह शुद्ध हो और उस पर किसी प्रकार की गंदगी न हो। माला को रोज साफ करना चाहिए और उपयोग से पहले उसे गंगाजल या पवित्र जल से धोकर शुद्ध करें।

2. माला का इस्तेमाल किसके लिए करें
तुलसी की माला का उपयोग राम मंत्र (राम के जाप के लिए) और हनुमान जी के मंत्र के जाप में विशेष रूप से किया जाता है। इसका उपयोग अन्य किसी भी व्यक्ति की पूजा में नहीं करना चाहिए। इस माला का ध्यान, जप और पुजा के लिए ही प्रयोग करें।

3. माला पहनने का समय
तुलसी की माला पहनने का सबसे उपयुक्त समय सुप्रभात (सुबह) होता है, खासतौर पर ब्राह्म मुहूर्त में। ब्राह्म मुहूर्त वह समय होता है, जब दिन के पहले प्रहर में वातावरण सबसे ज्यादा शुद्ध और पवित्र होता है।

4. माला पहनते समय पवित्रता का ध्यान रखें
तुलसी की माला पहनने से पहले स्नान करना अनिवार्य है। इससे आपके शरीर और मन की शुद्धता बनी रहती है। इसके अलावा, माला पहनते समय आपको प्रेरणा और समर्पण की भावना से भरा होना चाहिए। इसे साधना की भावना से पहनना चाहिए।

5. कौन पहन सकता है?
तुलसी की माला हर कोई पहन सकता है, लेकिन विशेष ध्यान रखना चाहिए कि माला पहनने वाले व्यक्ति के मन में पवित्रता और श्रद्धा हो। अगर आप पवित्र भाव से माला पहनते हैं, तो इसका अधिक लाभ होता है।

ध्यान दें:

महिला मासिक धर्म (periods) के दौरान तुलसी की माला नहीं पहन सकती। इस समय माला पहनना निषेध होता है।
माला पहनते समय अपनी नज़रें पवित्र रखें और अपने मन में अच्छे विचार रखें।


6. माला कैसे पहनें
तुलसी की माला को दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली (अंगूठे के बाद की अंगुली) से पहनना चाहिए। माला को पहनने के बाद इसे गले में डालना चाहिए, और माला का कट (गांठ) हमेशा कंधे के पास होना चाहिए, ताकि यह आपका ध्यान केंद्रित रखे।

7. ध्यान और जाप की प्रक्रिया
तुलसी की माला पहनने के बाद आपको राम के मंत्र का जाप करना चाहिए। यह माला 108 दानों की होती है, इसलिए हर दिन 108 माला का जाप करना अधिक लाभकारी होता है। जाप करते समय ध्यान रखें कि मन और वाणी दोनों पवित्र हों।

8. रात्रि को माला ना पहनें
रात के समय तुलसी की माला पहनना सही नहीं माना जाता है। रात को माला पहनने से पहले उसे साफ कर लें और उसे किसी पवित्र स्थान पर रखें।

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