Third day of Akshaya Date : 10 या 11 तारीख को अक्षय तृतीया कब है? इस दिन ये करना न भूलें , जाने पूरी जानकारी
सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया को हर तरह से शुभ माना जाता है। इसके अलावा अक्षय तृतीया पर पूजा करने का विशेष लाभ मिलता है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। अक्षय तृतीया के दिन कई पौराणिक घटनाएं घटी थीं। इसीलिए लोग पूरे साल इस दिन के अज्ञात शुभ समय का इंतजार करते हैं। राजधानी रायपुर के ज्योतिषी पंडित मनोज शुक्ला लोकल 18 को बता रहे हैं कि इस दिन क्या करें और क्या न करें.
त्रेता युग का प्रारम्भ हो चुका था
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि जिस तृतीय तिथि में किए गए कार्य का क्षय नहीं होता यानी अक्षय होता है, वही तिथि अक्षय तृतीया कहलाती है। अक्षय तृतीया का त्योहार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धर्मग्रंथों और पुराणों के अनुसार इसी तिथि पर त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को भगवान परशुराम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। विशेषकर इस तिथि पर किया गया धार्मिक एवं पुण्य कार्य अक्षय हो जाता है।
इस दिन अक्षय तृतीया मनाई जाएगी
पंडित मनोज शुक्ला ने लोकल18 को आगे बताया कि इस साल 10 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. ध्यान रखें कि इस दिन कोई पाप या बुरा काम न हो, हमारे हाथों से कोई बुरा काम न हो, जिसका हमें कई गुना फल भुगतना पड़े। यही कारण है कि लोग जीवन में शीतलता के लिए अक्षय तृतीया पर मटके का दान करते हैं। यह दिन दान का विशेष फल माना जाता है। इसके अलावा आप इस दिन भगवान भोलेनाथ को जल भी चढ़ा सकते हैं। छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुसार इस दिन मिट्टी से बनी गुड़िया का विवाह कराया जाता है। इसका मतलब है कि बच्चों को छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाजों, परंपराओं और संस्कृति को समझना चाहिए।