भारतीय डाक टिकट पर छाए हरियाणा के तीन राजनेता
भारतीय डाक टिकट पर छाए हरियाणा के तीन राजनेता
-सर छोटूराम, देवीलाल व रणबीर हुड्डा के नाम पर जारी हो चुके हैं डाक टिकट
हरियाणा के अनेक राजनेताओं ने राष्ट्रीय पटल की राजनीति पर समय-समय पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। ऐसे नेताओं की स्मृति जनमानस में बनाए रखने के लिए सरकारों ने भी अनेक कदम उठाए हैं। इनमें से एक पहलकदमी है अमिट छाप छोडऩे वाले एवं दूसरों के लिए प्रेरणा के पुंज लोगों के नाम पर डाक टिकट जारी करना। किसानों के मसीहा व रहबर-ए-आजम सर छोटू राम, देश के उपप्रधानमंत्री रहे चौ. देवीलाल, सांसद एवं मंत्री रहे चौ. रणबीर ङ्क्षसह हुड्डा हरियाणा के 3 ऐसे नेता हैं जिनके नाम पर भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किए। भारत सरकार ने सर छोटू राम के नाम पर 9 जनवरी 1995 को डाक टिकट जारी किया। देवीलाल के नाम पर भारत सरकार ने 25 सितम्बर 2001 को डाक टिकट जारी किया। जबकि 1 फरवरी 2011 को रणबीर हुड्डा के नाम पर डाक टिकट जारी किया था। ये तीनों ऐसे नेता थे, जिनके सिद्धांत, राष्ट्र निर्माण में योगदान व खासकर किसानों के हितों में योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। खास बात है ये तीनों ही नेता जाट समुदाय से ताल्लुक रखते थे।
सर छोटूराम
किसानों के मसीहा, रहबर-ए-आजम सर छोटू राम का स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान रहा। उन्होंने किसानों के लिए अनेक अधिनियम पास करवाए। भाखड़ा डैम का प्रस्ताव उन्होंने रखा। उनकी बदौलत ही साहुकार पंजीकरण एक्ट, गिरवी जमीनों का मुफ्त वापसी एक्ट, कृषि उत्पाद अधिनियम एवं कर्जा माफी अधिनियम पास हुए। छोटू राम आजादी से पहले संयुक्त पंजाब के वक्त मंत्री भी रहे। सर छोटू राम का जन्म गढ़ी सांपला में 24 नवम्बर 1881 को हुआ। उन्होंने झज्जर से मिडल की पढ़ाई की। 1903 में इंटरमीडियट करने के बाद 1905 में दिल्ली के सैंट स्टीफन कालेज से ग्रेजुएट एवं 1910 में आगरा कालेज से लॉ की डिग्री की। 1916 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की। आजादी के आंदोलनों में सक्रिय रहे। 1923 में गठित नैशनल यूनियनिस्ट पार्टी के सह-संस्थापक रहे। साल 1937 में विधायक बने और पंजाब सरकार में विकास एवं राजस्व मंत्री रहे। 9 जनवरी 1995 को भारत सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया।
ताऊ देवीलाल
देवीलाल हरियाणा की राजनीति के अहम किरदार रहे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलनों में शिरकत की। किसानों के लिए अनेक एक्ट पास करवाए तो हरियाणा निर्माण में योगदान दिया। वे 8 बार विभिन्न जगहों से विधायक बने और 3 बार सांसद भी रहे। देवीलाल का जन्म 25 सितम्बर 1915 को सिरसा जिला के गांव तेजाखेड़ा में हुआ। देवीलाल की साल 1989 से 1991 तक वी.पी.ङ्क्षसह एवं चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका रही और वे दोनों की सरकारों में उप-प्रधानमंत्री रहे। इससे पूर्व 1977-79 एवं बाद में 1987 से 1989 में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। देवीलाल ने आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साल 1942 में वे दो साल तक जेल में रहे। आजादी के बाद उन्होंने हरियाणा के निर्माण में भी सक्रिय योगदान दिया। भारत सरकार ने 25 सितम्बर 2001 को उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया।
चौ. रणबीर ङ्क्षसह हुड्डा
रणबीर ङ्क्षसह हुड्डा रोहतक से दो बार सांसद रहने के अलावा संयुक्त पंजाब के समय मंत्री भी रहे। 1 फरवरी 2011 को यू.पी.ए. की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने रणबीर हुड्डा के नाम पर डाक टिकट जारी किया था। रणबीर ङ्क्षसह का जन्म 26 नवम्बर 1914 को रोहतक जिला के गांव सांघी में हुआ। उन्होंने रोहतक के वैश्य हाई स्कूल से मैट्रिक करने के बाद 1935 में रोहतक के राजकीय कालेज से एफ.ए. की डिग्री ली। 1937 में उन्होंने दिल्ली के रामजस कालेज से ग्रेजुएट किया। इसके बाद वे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। 1941 में महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में शिरकत की। उन्होंने रोहतक, अम्बाला, हिसार, कुरुक्षेत्र में जेल भी काटी। 1947 में उन्हें संविधान निर्मात्री समिति का सदस्य बनाया गया। 1952 में वे रोहतक से कांग्रेस के सांसद बने। 1957 में दूसरी बार फिर सांसद निर्वाचित हुए। 1962 में वे संयुक्त पंजाब के समय विधायक बने और ङ्क्षसचाई एवं बिजली मंत्री रहे। 1968 में रणबीर ङ्क्षसह ने किलोई से उपचुनाव भी जीता।