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टीपू सुल्तान की तलवार की नीलामी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड ! बनी भारतीय इतिहास की सबसे महंगी बिकने वाली वस्तु !

Tipu Sultan's sword auction breaks all records! The most expensive selling item in Indian history!

TIPU SULTAN SWORD
मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के निजी कक्ष से मिली तलवार की नीलामी ने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। यह लंदन में इस सप्ताह हुई इस्लामी और भारतीय कला बिक्री में 14 मिलियन पाउंड में नीलाम हुई।

HARDUM HARYANA NEWS

Tipu Sultan Sword Auction:

मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के निजी कक्ष से मिली तलवार की नीलामी ने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। यह लंदन में इस सप्ताह हुई इस्लामी और भारतीय कला बिक्री में 14 मिलियन पाउंड में नीलाम हुई। भारतीय रुपयों के हिसाब से इसकी कीमत लगभग 143 करोड़ रुपये होगी। साल 1782 से 1799 तक शासन करने वाले टीपू सुल्तान की तलवार को 'सुखेला' सत्ता का प्रतीक कहा जाता है।

Tipu Sultan Sword Auction: Mysore Ruler Sword Creates New Record In UK | Tipu  Sultan Sword Auction: टीपू सुल्तान की तलवार की हुई नीलामी, टूट गए सारे  रिकॉर्ड

टीपू सुल्तान की यह तलवार स्टील की है और इस पर सोने से बेहतरीन नक्काशी की गई है। ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमले में उनके साहस और आचरण के प्रति अपने उच्च सम्मान के प्रतीक के तौर पर जनरल डेविड बेयर्ड को भेंट की गयी थी। इस हमले में टीपू सुल्तान की मौत हो गई थी जिन्हें टाइगर ऑफ मैसूरके नाम से जाना जाता है। यह हमला मई 1799 में हुआ था।

टीपू के निजी हथियारों में शामिल

बोनहम्स के इस्लामी और भारतीय कला के प्रमुख और नीलामकर्ता ओलिवर व्हाइट ने मंगलवार (23 मई) को बिक्री से पहले एक बयान में कहा था कि यह शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े उन सभी हथियारों में सबसे बेहतरीन है जो आज भी निजी हाथों में है। उन्होंने कहा कि सुल्तान का इसके साथ घनिष्ठ व्यक्तिगत जुड़ाव था और इसका उत्कृष्ट शिल्प कौशल इसे अद्वितीय बनाता है।

Tipu Sultan Sword Sold For Rs 143 Crore At London Auction See The Pictures  | लंदन में 143 करोड़ में बिकी टीपू सुल्तान की तलवार, अब तक की सबसे महंगी  बिकने वाली

 इस्लामिक और भारतीय कला की समूह प्रमुख नीमा सागरची ने कहा कि तलवार का असाधारण इतिहास और बेजोड़ शिल्प कौशल है।

साल 1799 के मई में टीपू सुल्तान का शाही गढ़ श्रीरंगपट्ट्नम तबाह होने के बाद उनके महल से कई हथियारों को हटाया गया था। इसमें कुछ हथियार उनके बेहद करीब माने जाते थे।

जानकारी के अनुसार 16वीं शताब्दी में भारत में पेश किए गए जर्मन ब्लेड के मॉडल के बाद मुगल तलवार निर्माताओं ने इसे बनाया था। शिल्पकारों ने तलवार को पकड़ने वाली जगह पर बड़े ही सहजता से सोने से अदाकारी दिखाई है।

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