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चुनावी वर्ष में ही सरकार को क्यों आई एम्स की याद : डा. सुशील इंदौरा

Why did the government remember AIIMS in the election year itself: Dr. Sushil Indora
 
डा. सुशील इंदौराडा. सुशील इंदौरा
सिरसा। पूर्व सांसद व वरिष्ठ कांग्रेस नेता डा. सुशील इंदौरा ने पीएम नरेंद्र मोदी के रेवाड़ी दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को चुनावी वर्ष में ही एम्स की याद क्यों आई? उन्होंने कहा कि एम्स की तर्ज पर सिरसा में भी मेडिकल कॉलेज बनाने का अलाप काफी समय से मुख्यमंत्री द्वारा अलापा जा रहा है, लेकिन घोषणा के बाद से लेकर अब तक एक ईंट तक सरकार नहीं रख पाई है, जिससे ये साबित हो गया है कि ये सरकार सिर्फ और सिर्फ जुमलों की सरकार है। डा. इंदौरा ने कहा कि चुनाव के समय ही प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री चुनावी जुमले छोडऩे के लिए आते हैं। चुनाव के समय ही उन्हें हरियाणा के लोगों की याद आती है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2015 में रेवाड़ी एम्स की घोषणा की, 2019 के चुनाव से पहले आंशिक बजट लेकर आए और 2024 के चुनाव से पहले शिलान्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब देश के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी जुमले समझ आने लगे हैं। पीएम मोदी चुनाव से पहले हरियाणा में चुनावी जुमले छोड़ जाते हैं और चुनाव के बाद इनको भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी के लोगों को वन रैंक वन पेंशन की घोषणा भी याद है। 10 साल केंद्र में सत्तासीन रहने के बाद भी फौजी भाईयों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि 97 फीसदी फौजी भाईयों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ नहीं मिला। इसलिए हरियाणा के लोगों को अब आपके वादों पर यकीन नहीं रहा। किसान आंदोलन को लेकर डा. इंदौरा ने कहा कि एमएसपी की गारंटी भी दो साल पहले पीएम मोदी का ही किया गया वादा है। हरियाणा के किसान बेसब्री से एमएसपी गारंटी लागू करने का इंतजार कर रहे हैं। पीएम दो साल पहले किए वादे को पूरा करें। उन्होंने कहा कि एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने से किसानों का भला नहीं होगा। किसानों का भला स्वामीनाथन आयोग की एमएसपी रिपोर्ट लागू करने से होगा।
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