हाथों पर मेहंदी का रंग लाल ही क्यों चढ़ता है, जानें इसके पीछे की वजह
मेहंदी में हेनपीन (Lawsonia inermis) नामक रसायन होता है: यह रासायनिक तत्व मेहंदी के पत्तों में पाया जाता है और यही तत्व त्वचा के साथ प्रतिक्रिया करके रंग छोड़ता है। हेनपीन का मुख्य गुण यह है कि यह त्वचा के प्रोटीन से रासायनिक प्रतिक्रिया करता है, जिससे एक लाल-भूरे रंग का स्थायी दाग बनता है।
फिनोलिक यौगिकों की मौजूदगी: मेहंदी में फिनोलिक यौगिक होते हैं जो त्वचा के साथ मिलकर रंग छोड़ते हैं। इन यौगिकों के कारण मेहंदी की रंगत लाल होती है, जो समय के साथ गहरी हो सकती है।
त्वचा की प्राकृतिक अवस्था: हमारी त्वचा में हर व्यक्ति की संरचना अलग होती है। कुछ लोगों की त्वचा में अधिक अम्लीय (acidic) वातावरण होता है, जिससे मेहंदी जल्दी और गहरे रंग में बदलती है। जबकि कुछ की त्वचा में अधिक क्षारीय (alkaline) अवस्था होती है, जिससे रंग उतना गहरा नहीं चढ़ता।
मेहंदी के तैयार करने का तरीका: जब मेहंदी को तैयार करते वक्त उसमें शहद, नींबू का रस या चीनी मिलाई जाती है, तो यह रंग को और भी गहरा करने में मदद करता है। इन पदार्थों के मिश्रण से मेहंदी का रंग अधिक गहरे लाल-भूरे रंग में बदलता है।
इस प्रकार, मेहंदी का रंग लाल चढ़ने के लिए इसके रासायनिक घटक, त्वचा की स्थिति और मेहंदी के मिश्रण की प्रक्रिया सब मिलकर योगदान करते हैं।