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भ्रष्टाचारी पूर्व विजीलेंस इंस्पेक्टर भूपेंद्र शर्मा पर अधिकारी मेहरबान क्यों वर्ष 2018 में दर्ज हुए केस में एफआईआर होने के बाद भी नहीं की जा रही कार्रवाई

Why are the officers kind to corrupt former Vigilance Inspector Bhupendra Sharma? Why is no action being taken even after FIR in the case registered in 2018?
 
भ्रष्टाचारी पूर्व विजीलेंस इंस्पेक्टर भूपेंद्र शर्मा पर अधिकारी मेहरबान क्यों वर्ष 2018 में दर्ज हुए केस में एफआईआर होने के बाद भी नहीं की जा रही कार्रवाई
सिरसा। फर्जी दस्तावेजों के सहारे भर्ती हुए व अनेक कर्मचारियों को घर बर्बाद करने वाले पूर्व विजीलेंस इंस्पेक्टर पर वर्ष 2018 में केस दर्ज हुआ था। हिसार के एएसपी कुलदीप सिंह ने 18 सितंबर 2023 को अपनी जांच में हिसार एसपी से भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ जांच के आधार पर एफआईआर के आदेश दिए थे, लेकिन हिसार एसपी करीब 6 माह बीत जाने के बाद भी इस मामले को दबाकर सरकार की छवि को खराब करने में तुले हुए हैं । उक्त आरोप क्रप्शन फ्री इंडिया संगठन से जसकौर सिंह ने मीडिया के समक्ष केस संंबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए लगाए। जसकौर सिंह ने बताया कि 26 अप्रैल 2018 को धारा 166 आईपीसी व 12/13/7 पीसी एक्ट थना सिविल लाइन हिसार में दर्ज हुआ था। जिसकी जांच स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकुला ने सवा तीन साल में जांच पूरी की और जांच अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक रविंद्र कुमार ने अपने पद व शक्तियों का गलत प्रयोग करते हुए पूर्व विजीलेंस इंस्पेक्टर भूपेंद्र शर्मा की बिना गिरफ्तारी व बिना राय मशवरा के चालान के नियम के विरूद्ध जाकर उप पुलिस अधीक्षक राजवीर सैनी हिसार द्वारा फारवर्ड कर न्यायालय हिसार में 19 सितंबर 2021 को पेश कर दिया गया। जिसकी 6 साल बाद में कोई जांच रिपोर्ट नहीं मंगवाई गई। यही नहीं भूपेंद्र शर्मा के दस्तावेजों को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दी गई याचिका पर कोर्ट के आदेशों पर हिसार के एएसपी कुलदीप सिंह ने जांच में आरोपों को सही ठहराते हुए 18 सितंबर 2023 को मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की, लेकिन करीब 6 माह बीत जाने के बाद भी अधिकारियों की मेहरबानी से अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। जसकौर सिंह ने हिसार एसपी मोहित हांडा की कार्यप्रणाी को सवालों के घेरे में लेते हुए कहा कि अगर एएसपी की सिफारिश पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। यही नहीं राष्ट्रपति अवार्ड से भी भूपेंद्र सिंह शर्मा को सम्मानित किया गया था, सरकार से मांग है कि ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारी से अवार्ड वापिस लेने के लिए सिफारिश की जाए। उन्होंने सरकार से भी आह्वान किया कि इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप करते हुए तुरंत प्रभाव से भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर ईमानदारी की आड़ में छिपे भ्रष्टाचारी भूपेंद्र शर्मा का सच जनता के सामने लाया जाए।
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