नए जिलों के गठन के साथ बदल सकती है हरियाणा की भौगोलिक तस्वीर!
नए जिलों के गठन के साथ बदल सकती है हरियाणा की भौगोलिक तस्वीर!
हरियाणा का भौगोलिक परिदृश्य आने वाले कुछ समय में बदला हुआ नजर आ सकता है। वर्तमान में हरियाणा में 6 मंडल, 22 जिले, 80 उपमंडल, 94 तहसील, 49 उपतहसील, 143 खंड एवं 154 कस्बे हैं। सोनीपत के गोहाना, सिरसा के डबवाली, हिसार के हांसी, गुरुग्राम के मानेसर एवं करनाल के असंध को जिला बनाए जाने की चर्चाएं हैं। हांसी एवं डबवाली पहले से ही पुलिस जिला हैं। इसके अलावा प्रदेश में ग्र्राम पंचायतों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। इस समय करीब 6841 ग्राम पंचायतें हैं। आबादी एवं मतदाताओं के लिहाज से कुछेक बड़े गांवों को पृथक करते हुए अलग से ग्राम पंचायतों का गठन किया जा सकता है। इसी तरह से पंचायत समिति एवं खंडों की संख्या के लिहाज से भी भौगोलिक तस्वीर में बड़ा बदलाव किया जा सकता है।
गौरतलब है कि 44,212 वर्ग किलोमीटर में फैले हरियाणा में समय-समय पर जिलों का गठन होता रहा है। 1 नवंबर 1989 को तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. देवीलाल ने एक साथ 4 जिलों का गठन किया था। वर्तमान में सिरसा जिला 4277 वर्ग किलोमीटर के साथ प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है जबकि 898 वर्ग किलोमीटर के साथ पंचकूला सबसे छोटा जिला है। 1 नवंबर 1966 को जब हरियाणा अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया तो उस समय जिलों की संख्या 7 थी। ऐसे में पिछले 58 वर्षें में 15 नए जिले बनाए गए हैं। इससे पुराने जिलों की भौगोलिक स्थिति भी काफी बदल गई है। कभी हिसार प्रदेश का सबसे बड़ा जिला होता था। हिसार के अलावा इसमें फतेहाबाद, भिवानी एवं सिरसा का क्षेत्र भी शामिल था। ऐसे ही रोहतक में पहले झज्जर, सोनीपत का क्षेत्र भी शामिल था।
समय-समय पर होता रहा है नए जिलों का गठन
उल्लेखनीय है कि समय-समय पर प्रदेश में नए जिलों का गठन किया जाता रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा की जनसंख्या 2 करोड़ 53 लाख थी। 2021 में होने वाली जनगणना कोरोना की वजह से नहीं हुई। इस समय प्रदेश की अनुमानित आबादी करीब 2 करोड़ 90 लाख है। ऐसे में प्रशासनिक इकाइयों के भौगोलिक स्वरूप को देखते हुए समय-समय पर नए जिलों, उपमंडलों, तहसीलों एवं अन्य इकाइयों का गठन किया जाता रहा है और अब इसी को लेकर एक महत्वपूर्ण कमेटी का गठन सरकार की ओर से किया गया है। यह कमेटी नए बनने वाले जिलों, सब डिवीजन, तहसील, उपतहसील, पंचायत एवं पंचायत समितियों को लेकर अध्ययन करेगी। कमेटी द्वारा संबंधित क्षेत्रों का डेमोग्राफिक, भौगोलिक, प्रशासनिक, सामाजिक एवं आर्थिक पहलुओं को फोकस करते हुए अध्ययन करके सरकार को तीन माह में रिपोर्ट दी जाएगी।
1966 में हरियाणा गठन के समय ये था भौगोलिक स्वरूप
गौरतलब है कि 1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा प्रदेश वजूद में आया। उस समय प्रदेश में रोहतक, जींद, हिसार, महेंद्रगढ़, गुडग़ांव, करनाल एवं अंबाला 7 जिले थे। इसके बाद समय-समय पर नए जिलों का गठन किया जाता रहा है। 22 दिसंबर 1972 को तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल ने अपने गृह क्षेत्र भिवानी के अलावा सोनीपत को जिला बनाया। इससे पहले भिवानी हिसार जिले का अंग था। इसी तरह से 23 जनवरी 1973 को कुरुक्षेत्र को अलग जिला बनाया गया, जबकि पहले यह करनाल जिले का हिस्सा था। 1 सितंबर 1975 को सिरसा को अलग जिला घोषित किया गया। पहले सिरसा हिसार जिले का हिस्सा होता था। 15 अगस्त 1979 को फरीदाबद को नया जिला बनाया गया। ऐसे ही 1 नवंबर 1989 को कैथल, यमुनानगर, पानीपत एवं रेवाड़ी चार नए जिले बनाए गए थे। इसी प्रकार से 15 जुलाई 1997 को फतेहाबाद एवं झज्जर दो नए जिले बनाए गए। फतेहाबाद पहले हिसार जबकि झज्जर रोहतक जिले का हिस्सा था। इसी तरह से 15 अगस्त 1998 को पंचकूला, 4 अप्रैल 2005 को नूंह, 15 अगस्त 2008 को पलवल व 1 दिसंबर 2016 को चरखी दादरी को जिला बनाया गया था। पहले दादरी भिवानी जिले का अंग था।