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हरियाणा से इन 5 महिलाओं को राज्यसभा में जाने का मिला मौका

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हरियाणा से इन 5 महिलाओं को राज्यसभा में जाने का मिला मौका


हरियाणा में विधानसभा चुनावों की समाप्ति के बाद अब राजनीतिक लिहाज से राज्यसभा चुनाव पर सभी की निगाहें टिक गई हैं क्योंकि हाल में नवगठित सरकार में कैबिनेट मंत्री बने कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी ये सीट रिक्त हो गई है। इस सीट को पाने के लिए सत्तारुढ़ दल भाजपा से कई चाहवानों लॉबिंग शुरू कर दी है

मगर ये तो वक्त ही बताएगा कि इस खाली हुई राज्यसभा सीट से हरियाणा का अब कौन सा भाजपा नेता ‘सांसदी’ पाता है, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि फिलहाल स्थिति एक अनार सौ बीमार वाली बनती दिखाई दे रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस समय प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. भजन लाल के बेटे एवं पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई का नाम भी काफी आगे चल रहा है मगर इसका अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान ने करना है और ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि भाजपा किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है। एक लिहाज से भाजपा के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या बल भी सदन में मौजूद है तो जाहिर है कि पार्टी जिसे भी अपना उम्मीदवार बनाएगी वह राज्यसभा में पहुंच जाएगा।

बेशक ये स्थिति आगामी दिनों में होने वाले राज्यसभा की एक सीट के चुनाव को लेकर है मगर हरियाणा की राजनीति के अब तक के 58 सालों की बात करें तो राज्यसभा में केवल 5 महिलाओं ने ही एंट्री ली है। इन महिला नेत्रियों में स्व. सुषमा स्वराज, कुमारी सैलजा, विद्या बैनीवाल, सुमित्रा चौहान व वर्तमान में किरण चौधरी ही शामिल हैं। जबकि इसी प्रदेश में कई ऐसे नेताओं का भी नाम उस सूची में शुमार हैं जिन्होंने 2 या 3 बार हरियाणा के रास्ते राज्यसभा में जगह पाई है। इसके अलावा सुल्तान सिंह के बाद चौ. बीरेंद्र सिंह ऐसे नेता हैं जिन्होंने 3 बार राज्यसभा में एंट्री ली। 


महिला नेत्रियों ने इन पार्टियों के आसरे हासिल की सदस्यता


गौरतलब है कि साल 1966 में हरियाणा अपने पूर्ण अस्तित्व में आया और उसके बाद यहां की राजनीतिक व्यवस्थाओं ने भी अपने ही अंदाज में बदलते समय के साथ करवटें ली। वर्ष 1966 से लेकर साल 2024 के हुए राज्यसभा चुनावों की बात करें तो इन चुनावों में अब तक केवल प्रदेश से 5 महिला नेत्रियों ने ही राज्यसभा चुनाव जीत कर सदस्यता हासिल की। पहली बार साल 1990 में भाजपा से सुषमा स्वराज व जनता दल से विद्या बैनीवाल राज्यसभा में पहुंची। इनके बाद इनैलो की टिकट से वर्ष 2002 में सुमित्रा चौहान राज्यसभा की सदस्य बनी।

वर्तमान में सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा साल 2014 में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं तो इनके बाद बतौर महिला नेत्री किरण चौधरी भाजपा की टिकट पर इसी साल 27 अगस्त को राज्यसभा की सदस्य बनी। यही वो 5 महिला नेत्रियां हैं जो अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के आसरे राज्यसभा की सदस्याएं बनी। किरण चौधरी का कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 तक का है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी राज्यसभा के सदस्य थे और उनका करीब 2 साल का कार्यकाल शेष था मगर लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने उन्हें रोहतक संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, इसके चलते दीपेंद्र हुड्डा को राज्यसभा की सीट से इस्तीफा देना पड़ा।

ये सीट रिक्त होने के कारण राज्यसभा के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाली पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी को भाजपा ने राज्यसभा में अपना उम्मीदवार बनाया और वे निर्विवाद ये चुनाव जीत कर राज्यसभा की सदस्य बनी। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने किरण चौधरी की परंपरागत सीट रही तोशाम से उनकी बेटी एवं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत हासिल की जिसे तीसरी बार बनी भाजपा सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

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