जयपुर की फैक्ट्रियों में आग लगाते थे फायर ब्रिगेड कर्मचारी

जयपुर की फैक्ट्रियों में आग लगाते थे फायर ब्रिगेड कर्मचारी
फायर ब्रिगेड कर्मचारियों का चौंकाने वाला खुलासा
जयपुर पुलिस ने दो फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जो ज्यादा कमाई के लालच में खुद ही फैक्ट्रियों में आग लगाते थे और फिर उसे बुझाने का नाटक करते थे। ये कर्मचारी सरकारी गाड़ी से डीजल चुराकर बेचने में भी लिप्त थे। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि जितनी ज्यादा जगह आग लगती थी, इन कर्मचारियों को उतना ही ज्यादा डीजल बेचने और पैसे कमाने का मौका मिलता था।
बाइक पर सवार होकर देते थे घटनाओं को अंजाम
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि करधनी इलाके में फैक्ट्रियों में बार-बार हो रही आगजनी की घटनाओं की जांच के दौरान यह मामला सामने आया। करधनी थानाधिकारी हरीश सोलंकी को इस संबंध में महत्वपूर्ण सुराग मिले। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच में पाया गया कि आगजनी की घटनाओं से पहले दो युवक बाइक पर घटनास्थल पर जाते और फिर वापस लौटते नजर आते थे।
पुलिस ने इस तरह पकड़े आरोपी
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध बाइक और आरोपियों का हुलिया पहचाना गया। जांच में पाया गया कि ये युवक घटना स्थल से सरना डूंगर फायर स्टेशन की तरफ जा रहे थे। पुलिस ने फायर स्टेशन पर तैनात फायरमैन विजय शर्मा (25) और ड्राइवर राहुल यादव (23) को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
योजनाबद्ध तरीके से लगाते थे आग
जांच में पता चला कि आरोपी पहले फैक्ट्रियों में आग लगाने की योजना बनाते थे। वे मोटरसाइकिल पर सवार होकर घटनास्थल पर पहुंचते और कपड़े से अपना चेहरा ढककर आगजनी करते थे। आग लगाने के लिए वे प्लास्टिक, माचिस और सिगरेट जैसी सामग्रियों का इस्तेमाल करते थे। आग लगने की सूचना मिलते ही ये फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेकर मौके पर पहुंच जाते थे और आग बुझाने का नाटक करते थे।
प्राइवेट ठेके के जरिए फायर ब्रिगेड में मिली थी नौकरी
दोनों आरोपी अस्थायी रूप से फायर ब्रिगेड में फायरमैन और ड्राइवर के पद पर नियुक्त थे। वे प्राइवेट ठेके के माध्यम से इस नौकरी में आए थे। आग बुझाने के दौरान ये लोग फायर ब्रिगेड गाड़ी से ज्यादा डीजल खर्च होने का दावा करते और अतिरिक्त डीजल बेचकर पैसे कमाते थे।
पुलिस की कार्रवाई
करधनी पुलिस ने फायरमैन विजय शर्मा और ड्राइवर राहुल यादव को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि इनकी हरकतों से न केवल जनसंपत्ति का नुकसान हुआ, बल्कि लोगों की जान भी खतरे में पड़ी।
यह घटना फायर ब्रिगेड की छवि को धूमिल करती है और कर्मचारियों की नैतिकता पर सवाल खड़े करती है।