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Panchayat Elections राजस्थान में सरपंचों के चुनाव पर बवाल, चुनाव आयोग ने लिया बड़ा फैसला !

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राजस्थान पंचायत चुनाव: समय पर होंगे या नहीं?

राजस्थान में पंचायत चुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर तेज़ है। चुनाव समय पर होंगे या नहीं, इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जहां एक तरफ राज्य चुनाव आयोग अपनी तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर "वन स्टेट, वन इलेक्शन" योजना के चलते चुनाव में देरी की संभावना जताई जा रही है। आइए जानते हैं, इस मुद्दे की पूरी कहानी।

वन स्टेट, वन इलेक्शन: क्या है यह योजना?

"वन स्टेट, वन इलेक्शन" का उद्देश्य सभी चुनावों – विधानसभा, नगर निकाय और पंचायती राज चुनाव – को एक साथ आयोजित करना है। इससे चुनाव प्रक्रिया को सरल बनाने, खर्च कम करने और प्रशासन पर दबाव कम करने की योजना है।

राजस्थान में इस योजना के चलते पंचायत चुनाव की तारीखों पर संशय है। यदि इस योजना को लागू किया जाता है, तो पंचायत चुनाव को अन्य चुनावों के साथ आयोजित करना होगा। इस प्रक्रिया में समय और संसाधनों की अधिक आवश्यकता होगी, जिससे पंचायत चुनावों में देरी हो रही है।

राजनीतिक स्थिति: सरकार और विपक्ष की अलग-अलग राय

राजस्थान में बीजेपी सरकार का अभी "वन स्टेट, वन इलेक्शन" पर कोई स्पष्ट रुख सामने नहीं आया है। राज्य सरकार फिलहाल पंचायत चुनाव को टालने के पक्ष में दिखाई देती है। वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसे लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि पंचायत चुनाव में देरी सरकार की रणनीति का हिस्सा है, जबकि सरकार इसे चुनाव प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने की पहल बता रही है।

राज्य चुनाव आयोग की तैयारियां

राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केंद्रों की स्थापना के निर्देश दिए हैं।

  • प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1100 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।
  • संपूर्ण वार्ड को एक ही बूथ पर रखा जाएगा।
  • मतदान बूथ की क्रम संख्या पंचायत समिति वार निर्धारित की जाएगी।
  • वार्ड वार मतदाता सूची तैयार करने के लिए प्रगणकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी तय कर दी गई है।

इसके अलावा, निर्वाचन नियमावली का पुनरीक्षण कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा, जिसमें 1 जनवरी 2025 की अहर्ता तिथि को ध्यान में रखा जाएगा।

क्या कहती है जनता?

पंचायत चुनाव में देरी को लेकर आम जनता में असमंजस का माहौल है। चुनाव आयोग की तैयारियों और "वन स्टेट, वन इलेक्शन" योजना के बीच तालमेल बैठाने में हो रही देरी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग और राज्य सरकार कब तक कोई स्पष्ट निर्णय लेते हैं।

निष्कर्ष

राजस्थान में पंचायत चुनाव को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। "वन स्टेट, वन इलेक्शन" योजना के लागू होने और राज्य सरकार की रणनीति के बीच चुनाव की तारीखों पर सस्पेंस बना हुआ है। चुनाव आयोग ने अपनी ओर से तैयारियां जारी रखी हैं, लेकिन यह देखना होगा कि चुनाव समय पर होते हैं या नहीं।

राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक, सभी को इस सवाल का जवाब जल्द मिलने की उम्मीद है।

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