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ओशो के अनमोल विचार | Osho quotes on life | Rajneesh Osho Quotes in Hindi

Rajneesh Osho Quotes in Hindi
ओशो के अनमोल विचार
ओशो के अनमोल विचार

ओशो रजनीश के विचार: जीवन, सेक्स और प्रेम पर अनमोल कथन

जीवन में सेक्स का महत्व
ओशो रजनीश के अनुसार, सेक्स केवल जीवन का आधार नहीं है, बल्कि जीवन का कारण भी है। उनका मानना था कि सेक्स इंसान के अस्तित्व और उसकी रचनात्मकता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे कहते हैं, "सेक्स बिल्कुल पैसे की तरह है—जितना मिले, उतना ही कम लगता है।"

बुद्धि और प्रयोगों का महत्व
ओशो ने कहा कि बुद्धि सीमाओं में रहकर नहीं बढ़ती, बल्कि प्रयोगों और चुनौतियों को अपनाने से विकसित होती है। उनका यह विचार हमें अपने दायरे से बाहर निकलने और नए अनुभवों को अपनाने की प्रेरणा देता है।

पुरुष और महिलाओं के दृष्टिकोण में भिन्नता
ओशो के विचारों में पुरुष और महिलाओं के सेक्स के प्रति दृष्टिकोण को भी दर्शाया गया है। उनका कहना था, "लड़कियां सेक्स को पूरी तरह से जीती हैं, जबकि लड़के इसे अधूरा ही करते हैं।"

प्रेम और तनाव का संबंध
ओशो प्रेम और सेक्स के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहते हैं, "सेक्स तनाव को खत्म करता है, जबकि प्रेम तनाव का कारण बनता है।" यह विचार प्रेम और शारीरिक संबंधों के अलग-अलग पहलुओं को समझने का एक नया नजरिया देता है।

दोस्ती: सबसे शुद्ध प्रेम
उनका मानना था कि दोस्ती प्रेम का सबसे ऊंचा स्तर है, जहां किसी भी परिस्थिति में एक-दूसरे को खुशी देने की भावना होती है।

मनुष्य की अनंत संभावनाएं
ओशो का यह कथन, "तुम ही ईश्वर हो, तुम ही देवी हो," यह बताता है कि मनुष्य की क्षमताएं और संभावनाएं अनंत हैं। उनका यह विचार आत्म-विश्वास और आत्म-बोध को बढ़ावा देता है।

प्रेम और सेक्स की तुलना
ओशो ने प्रेम को आइसक्रीम और सेक्स को उसके ऊपर रखी चेरी के समान बताया। उनका यह प्रतीकात्मक विचार हमें प्रेम और सेक्स की गहराई को समझने में मदद करता है।

जीवन के अन्य पहलुओं पर दृष्टिकोण
ओशो ने जीवन में मोह, माया, और कामनाओं को "मेहमान" मानकर उनका स्वागत करने की बात कही। उनका यह दृष्टिकोण जीवन को सरल और आनंदमय बनाने में सहायक हो सकता है।

महिलाओं और पुरुषों का नजरिया
ओशो ने कहा कि महिलाओं को सेक्स के लिए एक कारण चाहिए होता है, जबकि पुरुषों को सिर्फ एक जगह। उनका यह विचार समाज में लिंग आधारित सोच और व्यवहार की ओर इशारा करता है।

सेक्स और सभ्यता
ओशो ने सेक्स को सभ्यता का एक हिस्सा माना और कहा कि "दुनिया में कुछ चीजें सेक्स से बेहतर हैं, लेकिन कुछ चीजें सेक्स से ज्यादा बेकार भी हैं।"

प्रेम और नम्रता का महत्व
ओशो ने प्रेम को इंसानी शब्दकोश का सबसे महत्वपूर्ण शब्द माना। उनका यह विचार मानवता और सह-अस्तित्व का संदेश देता है।

ओशो के विचार गहन, प्रेरणादायक और समाज की परंपरागत सोच को चुनौती देने वाले हैं। उनके विचारों से जीवन और रिश्तों को देखने का एक नया दृष्टिकोण मिलता है।

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