एक ऐसी रम जिसका कभी विज्ञापन नहीं किया गया ! फिर भी बनी लोगों की पहली पसंद !
A rum that was never advertised! Still became people's first choice!
आज जो रम हम आपको बताने वाले हैं, इस रम की 50 देशों में सप्लाई हो रही है। करीब एक सदी से भारतीयों पर इसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा है।
HARDUM HARYANA NEWS
The Rum That Has Never Advertised
हमारे देश भारत में शराब के शौकीनों की कोई कमी नहीं है। देश में भी बड़ी संख्या में लोग शराब पीते हैं। लेकिन क्या आपको पता है देश की सबसे पुरानी रम (Rum),जिसका जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है कौन सी है। नहीं पता ? तो चलिए आपको बताते हैं।
आज जो रम हम आपको बताने वाले हैं, इस रम की 50 देशों में सप्लाई हो रही है। करीब एक सदी से भारतीयों पर इसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। एक समय था जब इसका मार्केट लगातार गिरता चला जा रहा था लेकिन आज इस रम की साल भर में 80 लाख बॉटल्स तक बिक जाती हैं। चलिए आपको बताते हैं ये कौन सी रम है और इसमें ऐसा क्या खास है की यह रम कई दशकों शराब के शौकीनों की पहली पसंद बनी हुई है।
Old Monk
जिस रम की हम बात कर रहे हैं उसका नाम ओल्ड मॉन्क(Old Monk) है। ओल्ड मॉन्क (Old Monk) रम की शुरुआत सन् 1855 के आसपास हिमाचल प्रदेश के कसौली से हुई थी। एडवर्ड अब्राहम डायर (Edward Abraham Dyer) नामक एक बिजनेसमैन ने एक ब्रेवरीज की स्थापना की थी। इसका मकसद ब्रिटिश फौज को सस्ती बीयर सप्लाई करना था। उनके बेटे रेनिगाल्ड एडवर्ड हैरी डायर ब्रिटिश फौज में कर्नल थे। कसौली में बनी इस ब्रेवरीज ने पूरी इंडस्ट्री को बदलकर रख दिया था। इसके बाद इसे (Old Monk) साल 1954 में लॉन्च किया गया था।
Old Monk को बनाने वाले कपिल मोहन एक भारतीय थे और भारतीय सेना से ब्रिगेडियर पद से रिटायर होने के बाद अपने पिता की कंपनी को मजबूरी में चलाना शुरू किया था। लेकिन कुछ सालों में ही कपिल मोहन ने विजय माल्या (Vijay Mallya) से भी बड़े लिकर किंग (Liquor King) के रूप में अपनी पहचान बनाई। साल 2010 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया था। वैसे तो इस कंपनी की नींव 1855 में पड़ी थी। इसे स्कॉटलैंड के रहने वाले जनरल डायर के पिता एडवर्ड अब्राहम डायर ने हिमाचल प्रदेश के कसौली में शुरु किया था।
साल 1949 में कपिल के पिता एनएन. मोहन ने डायर की इस कंपनी को खरीद लिया था। इसके बाद साल 1966 में इस कंपनी का नाम बदलकर 'मोहन मीकिन ब्रिवरीज' (Mohan Meakin Brewery) रखा गया था और कपिल मोहन इसके चेयरमैन बने थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुरुआत में इस रम (Old Monk) को केवल फौज के लिए तैयार किया जाता था, लेकिन लोगों में बढ़ती पॉपुलरिटी की वजह से कई जगहों पर यह ब्रॉन्ड प्रसिद्ध हो गया। जिसके बाद इसका उत्पादन कई शहरों सहित अन्य देशों में होने लगा।
इसकी (Old Monk) लोकप्रियता इतनी है कि 2002 में सामने आए एक आंकड़े के अनुसार एक साल में इसकी 80 लाख बोतलें बेच जाती हैं। ओल्ड मोंक के कई दीवाने तो इसे रेग्यूलर यूज मेडिसिन के नाम से भी जानते हैं।
ओल्ड मॉन्क को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले रिटायर्ड ब्रिगेडियर कपिल मोहन भले ही सेना में होने के साथ साथ इतनी बड़ी शराब कंपनी के मालिक रहे, लेकिन उन्होंने खुद कभी शराब को हाथ नहीं लगाया। इस रम की लोकप्रियता का अंदाज आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसके दम पर कपिल मोहन ने लिकर किंग कहे जाने वाले विजय माल्या को पछाड़ दिया था। 6 जनवरी 2018 को लिकर किंग ब्रिगेडियर कपिल मोहन 88 साल की उम्र में कार्डियेक अरेस्ट के कारण इस दुनिया को अलविदा कह गए।