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हरियाणा की विज्ञान नगरी अंबाला शहर का पूरा इतिहास

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हरियाणा की विज्ञान नगरी अंबाला शहर का पूरा इतिहास
अम्बाला हरियाणा का ऐतिहासिक शहर है। इसे विज्ञान नगरी और मिक्सी सिटी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अम्बा राजपूत ने 14वीं शताब्दी में इस शहर की स्थापना की। उन्हीं के नाम पर इसका नाम अम्बाला पड़ा। अम्बाला नाम की उत्पत्ति को महाभारत की अम्बालिका से भी जोड़ा जाता है। इसके साथ ही आमों की अधिकता के कारण भी इसका नाम अम्बाला रखा गया। अम्बाला में वायुसेना केंद्र हैं तो 1843 में यहां पर छावनी स्थापित की गई। रेलवे के 35 फीसदी उपकरणों का उत्पादन अम्बाला में ही होता है। ये जो हरियाणा सीरिज में आज अम्बाला की कहानी पर एक नजर:


एक नवम्बर 1966 को हरियाण गठन के वक्त ही अम्बाला जिला के रूप में अस्तित्व में है। अम्बाला में बराड़ा, नारायणगढ़, अम्बाला छावनी और अम्बाला तहसील हैं। 1823 में अम्बाला पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया। स्वतंत्रता आंदोलन में यहां के क्रांतिकारियों ने बड़ा योगदान दिया। 1909 की ऐतिहासिक क्रांति भी एक ऐसा ही बड़ा आंदोलन था। इसे आर्यों की राजधानी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि आर्यों ने सबसे पहले अम्बाला में दस्तक दी और उन्होंने इस जगह को देवभूमि की संज्ञा दी। यह जगह कौरवी बोली का भी प्रमुख केंद्र रहा। साल 1880 में अम्बाला रेलवे लाइन से जुड़ा और यहां पर रेलवे स्टेशन बनाया गया। अम्बाला का रेलवे स्टेशन देश के बड़े रेलवे जंक्शन में आता है। 1843 में यहां पर छावनी बनाई गई। यह देश की पुरानी छावनियों में शुमार है। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान एसी कङ्क्षनगहैम और सी रॉजर्स की ओर इस जिले का पता लगाया गया। अम्बाला के पीछे एक कहानी ये भी है कि अम्बा राजपूत नामक व्यक्ति 14वीं सदी में इस शहर की स्थाना की जबकि मां अम्बे के नाम पर भी इस जिले की स्थापना होना माना जाता है। आज भी शहर में मां अंबिका देवी मंदिर है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर काफी प्राचीन और लोगों में मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा अर्चना करने से कष्ट दूर होते हैं।

यह मंदिर अपने आप में करीब तीन सौ साल का इतिहास समेटे हुए है। अम्बाला के दक्षिण में कुरुक्षेत्र, पश्चिम में पंजाब के पटियाला और रोपड़ जिले और संघ शासित प्रदेश चंडीगढ़ स्थित हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन और सिरमौर जिलों के शिवालिक रेंज ने उत्तर और उत्तर-पूर्व में अंबाला जिले को बाध्य किया। समुद्री तल से अम्बाला 900 फुट की ऊंचाई पर बसा है। अम्बाला में नारायणगढ़, मुलाना, अम्बाला सिटी और अम्बाला कैंट चार विधानसभा क्षेत्र है। ऐसा माना जाता है कि अकबर के शासनकाल के दौरान यह इलाका दिल्ली सूबे के सरङ्क्षहद सरकार का एक परगना था। साल 1842 में इसे शिमला के अधीन मिला लिया गया। 1847 में इसे जिला बनाया गया और उस समय अम्बाला शहर के अलावा जगाधरी, रोपड़, खरड़, नारायणगढ़, नालागढ़ इस जिले के अधीन आते थे। अम्बाला उद्योगों के लिए भी मशहूर हैं। यहां का मिक्सी उद्योग प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां पर सिलाई मशीनें और गलीचों का भी उत्पादन होता है। अम्बाला में चावल के अलावा गेहूं और फलों की खेती होती है।

अम्बाला में तंगरी, मारकंडा और घग्घर नदियां बहती हैं। धार्मिक दृष्टि से यह शहर काफी महत्वपूर्ण है। गुरुद्वारा पंजोकरा साहिब आस्था का केंद्र है। यह अंबाला-नारायणगढ़ रोड पर स्थित है। इसके अलावा बादशाही बाग गुरुद्वारा, लखनौर साहिब, शीशगंज, मंजी साहिब और संगत साहिब गुरुघर हैं। यहां पर कुछ चर्च भी बने हुए हैं। 1857 में सेंट पाल चर्च बनाया गया। भारत-पाक युद्ध के दौरान 1965 में यह चर्च नष्ट हो गया था। अम्बाला का कपड़ा बाजार बहुत मशहूर है। सभी प्रकार के कपड़े थोक दामों पर बिकते हैं। बाजार में लगभग 1000 थोक दुकानें हैं, जहां हथकरघा वस्त्र तथा रेशम के सूट और अन्य पोशाक सामग्रियां बिकती हैं। अंबाला में एक साइंस मार्केट भी है, जहां सभी प्रकार के वैज्ञानिक और सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं। शहर को वैज्ञानिक उपकरणों का नगर के रूप में भी जाना जाता है।

 अंबाला शहर अपने लिनन तथा सोने के आभूषण निर्माताओं के लिए भी लोकप्रिय है। शहर के बारे में कुछ और अंबाला उत्तर रेलवे जोन का संभागीय मुख्यालय भी है और इस प्रकार यह राज्य में एक प्रमुख जंक्शन है। अंबाला कैंट रेल खंड भारत की सबसे पुरानी छावनियों में से एक है। अम्बाला छावनी भारत के हरियाणा राज्य में अम्बाला जिले का एक छावनी शहर है। यह दिल्ली के उत्तर में 200 किमी और चंडीगढ़ से 55 किमी की दूरी पर है।  यह छावनी वर्ष 1843 में स्थापित की गई थी और यह वैज्ञानिक और सर्जिकल उपकरणों के निर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस निकाय को कैंटोनमेंट एक्ट 2006 द्वारा नियंत्रित किया जाता है।  इसका मुख्य कार्यालय रेसकोर्स रोड पर स्थित है। अंबाला छावनी जंक्शन रेलवे स्टेशन एक प्रमुख जंक्शन है। दिल्ली-कालका और सहारनपुर-लुधियाना की रेलवे लाइनें इस जंक्शन से होकर गुजरती हैं। अंबाला भारत के पंजाब राज्य चंडीगढ़ से लगी सीमा पर स्थित है। अंबाला के दो उप-क्षेत्र हैं अंबाला छावनी और अंबाला शहर, जिसकी वजह से इसे ट्विन सिटी का नाम दिया गया है। अंबाला को अपनी छावनी क्षेत्र के भीतर बड़ी भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की उपस्थिति के लिए भी जाना जाता है।

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