इन जगहों पर घर में भूलकर भी ना रखें जूते-चप्पल, घर में बढ़ जाएंगे क्लेश
घर में जूते-चप्पल रखना न केवल गंदगी फैलाने का कारण बन सकता है, बल्कि यह घर के वातावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हिन्दू धर्म और वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के भीतर जूते-चप्पल रखना कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे घर में क्लेश और समस्याएं आ सकती हैं। आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में जहां घर में जूते-चप्पल भूलकर भी नहीं रखने चाहिए।
1. दरवाजे के भीतर जूते-चप्पल रखना
घर के दरवाजे के भीतर जूते-चप्पल रखना वास्तु के अनुसार गलत माना जाता है। दरवाजे पर जूते रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और घर के माहौल को तनावपूर्ण बना सकती है। यह घर के सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है। इससे घर में झगड़े और क्लेश बढ़ सकते हैं। दरवाजे के पास जूते-चप्पल रखना न केवल वास्तु के खिलाफ है, बल्कि यह एक बुरी आदत भी मानी जाती है।
2. पूजा स्थान पर जूते रखना
पूजा घर या मंदिर में जूते-चप्पल रखना एक बड़ा अपवित्र काम माना जाता है। पूजा स्थल पर जूते-चप्पल रखने से वहां की पवित्रता और धार्मिक ऊर्जा प्रभावित होती है। इससे घर के आंगन में अशांति और गृह क्लेश हो सकता है। हर धार्मिक स्थल पर जूते बाहर ही उतारने की परंपरा है, जिससे वहां की सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
3. सोने के कमरे में जूते रखना
सोने के कमरे में जूते-चप्पल रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत है। सोते समय मन को शांत और सकारात्मक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जूते-चप्पल के कमरे में होने से मानसिक शांति में बाधा आ सकती है, जिससे तनाव और झगड़े हो सकते हैं। बेहतर होगा कि सोने के कमरे में किसी भी प्रकार की गंदगी, जैसे जूते या अन्य चीजें, न रखें।
4. रसोई में जूते रखना
रसोई को घर की सबसे पवित्र जगहों में से एक माना जाता है, क्योंकि यहां जीवन के लिए आवश्यक भोजन तैयार होता है। रसोई में जूते रखना न केवल गंदगी फैलाता है, बल्कि इससे घर में मानसिक तनाव और ऊर्जा का असंतुलन भी हो सकता है। रसोई में जूते-चप्पल रखने से घर के माहौल में नकारात्मकता आ सकती है, जिससे परिवार में झगड़े और मतभेद हो सकते हैं।
5. बाथरूम में जूते रखना
बाथरूम को भी घर की अशुद्ध जगह माना जाता है, जहां जूते-चप्पल रखना और भी अवांछनीय है। बाथरूम में जूते रखना न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का कारण भी बनता है। इसलिए बाथरूम में जूते-चप्पल रखना पूरी तरह से अवॉयड करना चाहिए।
6. संतान के कमरे में जूते रखना
यदि घर में संतान है, तो उसके कमरे में जूते-चप्पल रखना वास्तु के खिलाफ है। संतान के कमरे में जूते-चप्पल रखना घर में अशांति और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। बच्चों की दुनिया में सकारात्मकता और शांति बनाए रखने के लिए उनके कमरे में जूते-चप्पल न रखें।