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Farmers Protest: 16 को ट्रैक्टर मार्च, 18 को रेल रोको, किसानों ने बनाया खतरनाक प्लान | Kisan Andolan

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Farmers Protest

संयुक्त किसान मोर्चा ने तेज किया आंदोलन, खून से लिखे पत्र के बाद बढ़ा दबाव

खनौरी बॉर्डर पर 17 दिन से जारी आमरण अनशन

खनौरी बॉर्डर पर 17 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्ले वाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से एक पत्र लिखा है। इस कदम के बाद किसान आंदोलन ने और गति पकड़ ली है। किसानों ने देशभर में आंदोलन को तेज करने और सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई है।

पुतला दहन और बड़े नेताओं की मुलाकात

किसान संगठनों ने 13 दिसंबर को केंद्र और राज्य सरकारों के पुतले जलाने की घोषणा की है। इसी दिन किसान नेता राकेश टिकैत सहित संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य बड़े नेता खनौरी बॉर्डर पर डल्ले वाला से मुलाकात करेंगे। 10 महीने पूरे होने पर शंभू बॉर्डर पर 14 दिसंबर को बड़े आयोजन का ऐलान किया गया है। अगले दिन 15 दिसंबर को किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा।

देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च और रेल यातायात रोकने का ऐलान

16 दिसंबर को देशभर में जिला और तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च आयोजित किया जाएगा। हर ट्रैक्टर पर डल्ले वाला की तस्वीर लगाई जाएगी। 18 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर अन्य राज्यों में रेल यातायात बाधित करने का फैसला लिया गया है।

डल्ले वाला की सेहत पर मंडराया खतरा

डल्ले वाला की सेहत लगातार खराब हो रही है। डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही है। डॉक्टर करण, जो अमेरिका से खनौरी बॉर्डर पहुंचे हैं, ने बताया कि खून की कमी के कारण डल्ले वाला की स्थिति बेहद नाजुक हो गई है। उनका वजन 122 किलो तक कम हो चुका है और किसी भी समय किडनी व लिवर फेल हो सकते हैं। डॉक्टरों ने तत्काल इलाज की जरूरत बताई है।

किसानों ने दी एकजुटता की अपील

डल्ले वाला ने सोशल मीडिया के जरिए किसानों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हर किसान परिवार से कम से कम एक सदस्य खनौरी बॉर्डर पर जरूर पहुंचे, ताकि आंदोलन को और मजबूत बनाया जा सके।

केंद्र सरकार पर किसानों का तीखा हमला

किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार झूठ और षड्यंत्र के जरिए किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रही है। हरियाणा के सांसद रामचंद्र के विवादित बयान पर भी कार्रवाई की मांग की गई।

आंदोलन में बढ़ती भागीदारी

किसान संगठनों ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सरकार की नीतियों को उजागर करेगा और जनता की आवाज को और बुलंद करेगा।

दिल्ली कूच की तैयारियां जोरों पर

दिल्ली कूच और आगामी कार्यक्रमों को लेकर किसान संगठनों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है।

निष्कर्ष:
संयुक्त किसान मोर्चा का यह आंदोलन सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। अब देखना होगा कि यह आंदोलन किस मोड़ पर पहुंचता है।

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