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OP Chautala के सियासी सफर वो किस्सा, जब विधानसभा में बंसीलाल से हो गई थी भिडंत

OP Chautala
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बंसीलाल से हो गई थी भिडंत

हरियाणा की राजनीति: चौटाला और बंसीलाल के बीच तीखा टकराव

हरियाणा की राजनीति हमेशा से ही दिलचस्प और उतार-चढ़ाव से भरी रही है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का सियासी सफर विवादों और घटनाओं से भरा रहा। ऐसा ही एक वाकया 14 मार्च 1995 का है, जब चौटाला और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के बीच विधानसभा में तीखी नोकझोंक हुई।

बजट सत्र में बंसीलाल और चौटाला आमने-सामने

उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल थे और विधानसभा में बजट पर चर्चा चल रही थी। चर्चा के दौरान एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक) नहर का मुद्दा उठाया गया। इस बीच, ओमप्रकाश चौटाला और बंसीलाल के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि बात व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई।

ओपी चौटाला ने सदन में बंसीलाल पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने एसवाईएल का निर्माण इसलिए शुरू किया था ताकि कमीशन का लाभ मिल सके। उन्होंने आरोप लगाया कि काम को टेल से शुरू किया गया, जबकि सामान्यतः यह हेड से शुरू होता है।

बंसीलाल का करारा जवाब

चौटाला के आरोपों का जवाब देते हुए बंसीलाल ने कहा, "कमीशन आप खाते हैं, मैं तो केवल दो रोटी खाता हूं।" उन्होंने चौटाला पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके आरोप बेबुनियाद हैं और खुद चौटाला का राजनीतिक जीवन ऐसे कामों से जुड़ा रहा है।

बिजली बोर्ड और एसवाईएल निर्माण पर आरोप

एसवाईएल का मुद्दा ही नहीं, बल्कि बिजली बोर्ड के कामकाज को लेकर भी चौटाला ने बंसीलाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पंजाब बिजली बोर्ड द्वारा रिजेक्ट किए गए पोल इसलिए लिए गए क्योंकि उनमें भी कमीशन का खेल हुआ था।

चौटाला ने बंसीलाल पर तंज कसते हुए कहा, "इन्होंने नहर के मामले में उल्टी गंगा बहा दी ताकि कमीशन मिल सके।"

मुख्यमंत्री भजनलाल की प्रतिक्रिया और चुनौती

इस तीखी बहस के बीच, मुख्यमंत्री भजनलाल भी नाराज हो गए और उन्होंने चौटाला को आगामी चुनाव में सीधी चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर चौटाला में हिम्मत है, तो वह तुरंत इस्तीफा देकर चुनाव का सामना करें।

चौटाला ने भजनलाल की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा, "मैं अपने अधिकार से सदन में आया हूं, किसी के रहमोकरम पर नहीं। जहां तक चुनाव की बात है, आप अभी इस्तीफा दें और मैं भी इस्तीफा देता हूं। दोनों हलकों में चुनाव करवा लें।"

हरियाणा की राजनीति में विवादों का अध्याय

चौटाला और बंसीलाल के बीच यह टकराव हरियाणा की राजनीति के सबसे चर्चित विवादों में से एक है। एसवाईएल निर्माण और बिजली बोर्ड जैसे मुद्दों पर हुई बहस आज भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रहती है।

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