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Psychological Tips: घमंडी लोगों की पहचान हैं ये 5 आदतें, कहीं आपमें तो नहीं? समय रहते बना लें दूरी

Psychological Tips: घमंडी लोगों की पहचान हैं ये 5 आदतें, कहीं आपमें तो नहीं? समय रहते बना लें दूरी

Psychological Tips: जिंदगी के इस सफर में रोजाना हमें कई लोग मिलते हैं कुछ चेहरे तो ऐसे होते हैं जिन्हें हम चाह कर भी भुला नहीं पाते वहीं कुछ को हम देखना तक पसंद नहीं करते। इनमें से कुछ बहुत करीबी दोस्त हो सकते हैं तो किसी के आपसे प्रोफेशनल रिश्ता हो सकता है। हर व्यक्ति की अपनी जीवन शैली और अलग-अलग व्यवहार होगा। 

पहली मुलाकात में ही कुछ लोग बेहद पसंद आ जाते हैं और उनसे दोस्ती भी जल्दी हो जाती है वहीं कुछ लोग कई मुलाकातों के बाद भी नहीं पसंद आते। कई लोग बेहद जिंदादिल इंसान होते हैं वहीं कुछ लोगों के अंदर अहंकार भरा होता है। जबकि कुछ आत्मविश्वासी होते हैं तो वहीं कुछ में आत्मविश्वास की कमी देखने को मिलती है।लेकिन आज हम आपको घमंडी व्यक्तियों की कुछ आदतों के बारे में विस्तार से बताएंगे। जिससे आप ऐसे लोगों की पहचान कर सकते हैं... 

दूसरों की करते हैं बुराई

ऐसे लोगों में ये गलतफहमी अक्सर देखी जाती है कि वो दूसरों से महान हैं। उन्हें अपने ज्ञान का बहुत अहंकार होता और वो दूसरे को हमेशा अपने से कमतर आंकते हैं। ऐसे लोग हमेशा दूसरों में उनकी गलतियों को खोजते हैं और उनकी बुराई करने से कभी भी पीछे नहीं हटते। 

अटेंशन की हमेशा रहती है भूख

अटेंशन की भूक घमंडी लोगों में हमेशा देखी जाती है। उन्हें लगातार अटेंशन पाने की चाहत लगी रहती है। अगर आपके आस-पास भी कोई ऐसा व्यक्ति है जो दिनभर अटेंशन पाने की चाहत रखता हो और बड़ी बड़ी बातें करता हो तो बहुत संभव है कि उस व्यक्ति में अहंकार का भाव हो। ऐसे लोगों को खुद से दूर कर लें।

बातचीत के दौरान करते हैं ऐसा काम 

ऐसे लोगों की यह आदत होती है कि यदि आप उनसे कुछ बात कर रहे हैं तो वो आप पर हावी होने की कोशिश जरूर करते हैं। वो दूसरों को बोलने का मौक़ा नहीं देते हैं। अगर कोई व्यक्ति बातचीत पर आप पर हावी होने का प्रयास करता है, आपकी बात को बीच में ही काट देता है तो बहुत मुमकिन है कि है कि उसके अंदर भी घमंड का भाव होगा ऐसे लोगों से तुरंत दूरी बना लें।

सहानुभूति की कमी

ऐसे लोगों में सहानुभूति की बहुत कमी होती है। उन्हें केवल अपनी बात को साबित करने से मतलब होता है। वो अपनी बातों और अपनी चीजों को प्राथमिकता देते हैं, उन्हें इससे कोई मतलब नहीं होता है कि सामने वाला कैसा महसूस कर रहा है।

नहीं सुन सकते खुद की आलोचना 

ऐसे लोग दूसरे की बुराई तो बहुत करते हैं लेकिन अपने लिए एक शब्द भी बर्दाश्त नहीं कर पाते। सामने वाला व्यक्ति अगर इनके भले के लिए भी इनकी आलोचना करे तब भी ये उस पर नाराजगी दिखाएंगे।

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