Sri Krishna : श्रीकृष्ण जी की ऐसे करे पूजा , भगवान कृष्ण हो जाएंगे खुश
श्री कृष्ण अष्टोत्तर शतनामावली भगवान कृष्ण की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। जो लोग विधि-विधान से कान्हा की पूजा करते हैं, उनका जीवन हमेशा सुख-समृद्धि से भरा रहता है। इसलिए हर किसी को उनकी पूजा (Shri krishna pooja) अवश्य करनी चाहिए. इसके अलावा श्री कृष्ण शतनामवली स्तोत्र का पाठ भी बहुत शुभ माना जाता है। तो आइये यहाँ पढ़ें -
श्री कृष्ण अष्टोत्तर शतनामावली: शास्त्रों में भगवान कृष्ण की पूजा को बहुत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग सच्ची श्रद्धा से भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और पूजा के दौरान उनके शत नामावली स्तोत्र का पाठ करते हैं, उनका जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है।
तो आइये यहाँ पढ़ें -
॥श्रीकृष्ण शतनामावली स्तोत्र का पाठ॥
श्रीकृष्ण: कमलानाथो वासुदेवः सनातनः !
वसुदेवात्मजः पुण्यो लीलामानुषविग्रहः ॥
श्रीवत्सकौस्तुभधरो यशोदावत्सलो हरिः !
चतुर्भुजात्तचक्रासिगदाशंखाद्युदायुधः ॥
देवकीनन्दनः श्रीशो नन्दगोपप्रियात्मजः !
यमुनावेगसंहारी बलभद्रप्रियानुजः ॥
पूतनाजीवितहरः शकटासुरभञ्जनः !
नन्दव्रजजनानन्दी सच्चिदानन्दविग्रहः ॥
नवनीतविलिप्ताङ्गो नवनीतनटोऽनघः !
नवनीतनवाहारो मुचुकुंदप्रसादकः ॥
षोडशस्त्रीसहस्रेशो त्रिभंगीललिताकृतिः !
शुकवागमृताब्धीन्दुः गोविन्दो गोविदां पतिः॥
वत्सवाटचरोऽनन्तो धेनुकासुरमर्द्दनः !
तृणीकृततृणावर्तो यमलार्जुनभञ्जनः ॥
उत्तालतालभेत्ता च तमालश्यामलाकृतिः !
गोपगोपीश्वरो योगी कोटिसूर्यसमप्रभः॥
इलापतिः परंज्योतिः यादवेन्द्रो यदूद्वहः
वनमाली पीतवासा पारिजातापहारकः ॥
गोवर्धनाचलोद्धर्त्ता गोपालस्सर्वपालकः !
अजो निरञ्जनः कामजनकः कञ्जलोचनः॥
मधुहा मथुरानाथो द्वारकानायको बली !
वृन्दावनांतसञ्चारी तुलसीदामभूषणः ॥
स्यमन्तकमणेर्हर्ता नरनारायणात्मकः !
कुब्जाकृष्टांबरधरो मायी परमपूरुषः ॥
मुष्टिकासुरचाणूरमल्लयुद्धविशारदः !
संसारवैरि कंसारी मुरारी नरकान्तकः ॥
अनादिब्रह्मचारी च कृष्णाव्यसनकर्शकः !
शिशुपालशिरच्छेत्ता दुर्योधनकुलान्तकः ॥
विदुराक्रूरवरदो विश्वरूपप्रदर्शकः !
सत्यवाक्सत्यसंकल्पः सत्यभामारतो जयी ॥
सुभद्रापूर्वजो विष्णुः भीष्ममुक्तिप्रदायकः !
जगद्गुरुर्जगन्नाथो वेणुनादविशारदः ॥
वृषभासुरविध्वंसी बाणासुरबलांतकः !
युधिष्ठिरप्रतिष्ठाता बर्हिबर्हावतंसकः ॥
पार्थसारथिरव्यक्तो गीतामृतमहोदधिः !
कालीयफणिमाणिक्यरञ्जितश्रीपदांबुजः ॥
दामोदरो यज्ञभोक्ता दानवेन्द्रविनाशकः
नारायणः परंब्रह्म पन्नगाशनवाहनः ॥
जलक्रीडासमासक्तगोपीवस्त्रापहारकः !
पुण्यश्लोकस्तीर्थपादो वेदवेद्यो दयानिधिः ॥
सर्वभूतात्मकस्सर्वग्रहरूपी परात्परः !
एवं कृष्णस्य देवस्य नाम्नामष्टोत्तरं शतं, ॥
कृष्णनामामृतं नाम परमानन्दकारकं,
अत्युपद्रवदोषघ्नं परमायुष्यवर्धनम् !
श्रीकृष्ण: कमलानाथो वासुदेवः सनातनः !
वसुदेवात्मजः पुण्यो लीलामानुषविग्रहः ॥
ऐसे करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा
- सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- भगवान कृष्ण का ध्यान करें और अपने दिन की शुरुआत उनके भजनों से करें।
- शराब और शाकाहार जैसी तामसिक चीजों से दूर रहें।
- अपने घर के पूजा स्थल को साफ़ करें और सजाएँ।
- कृष्ण की मूर्ति पर दूध, दही और चीनी, शहद और घी चढ़ाएं।
- कृष्ण की मूर्ति को आभूषण, मुकुट और नए वस्त्र पहनाएं।
- अंत में भगवान कृष्ण की पूजा करें और आरती करें।
- साथ ही कृष्ण को समर्पित भजन और मंत्रों का जाप करें।
- शाम के समय उचित समय पर आरती करें।