The Lawrence Bishnoi Case : राजस्थान में इस बिश्नोई की ये प्रेरणादायक कहानी सुनकर रह जाएंगे आप हैरान
वन्यजीवों को बचाने की लगन
राजस्थान के लक्सर गांव के अनिल बिश्नोई ने अपने जीवन को वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया है। उनका जुनून काले हिरण और चिंकारा जैसे वन्यजीवों को बचाने का है। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने गांव लौटकर वन्यजीव संरक्षण की मुहिम शुरू की।
कैसे हुई शुरुआत?
कॉलेज के दौरान, अनिल ने बिश्नोई समुदाय की एक कांफ्रेंस में भाग लिया, जहां उन्हें वन और वन्यजीवों के महत्व का एहसास हुआ। इसी के बाद उन्होंने वन्यजीव संरक्षण को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया।
शिकारियों के खिलाफ संघर्ष
शुरुआत में, 20 वर्षीय अनिल ने गांववालों से अपील की कि अगर उन्हें शिकार के बारे में कोई सूचना मिले तो तुरंत उन्हें सूचित करें। एक सर्द रात, जब उन्हें शिकार की सूचना मिली, तो वे 30 किलोमीटर बाइक चलाकर घटनास्थल पहुंचे। हालांकि, तब तक काले हिरण का शिकार हो चुका था। उन्होंने तुरंत पुलिस को बुलाया और शिकारियों को गिरफ्तार कराया।
इसके बाद भी कई बार उन्होंने शिकारियों को रंगे हाथ पकड़ा। एक बार, शिकारियों ने उनके सिर पर बंदूक तान दी, लेकिन अनिल ने हिम्मत नहीं हारी। उनकी त्वरित कार्रवाई से पुलिस ने शिकारियों को गिरफ्तार किया।
वन्यजीव संरक्षण के अन्य प्रयास
शिकार के अलावा, काले हिरणों की मौत का कारण सड़क दुर्घटनाएं, कुत्तों के हमले और पानी की कमी भी है। इसे देखते हुए, अनिल ने गांव से ₹2 लाख जुटाकर 66 पोखरों का निर्माण कराया, ताकि गर्मियों में वन्यजीवों को पानी मिल सके।
अगर कोई हिरण घायल हो जाता है, तो अनिल उसका प्राथमिक उपचार करते हैं। उन्होंने अनाथ हिरणों को पाला और बड़ा होने पर जंगल में छोड़ा।
अद्भुत उपलब्धियां
आज, राजस्थान के 12 जिलों में अनिल के 3,000 से ज्यादा स्वयंसेवक हैं। उनके प्रयासों से अब तक लगभग 10,000 काले हिरण और चिंकारा की जान बचाई जा चुकी है। 2021 में, राजस्थान सरकार ने उन्हें अमृता देवी पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया।
असली हीरो अनिल, और गलतफहमी
हालांकि, सोशल मीडिया पर कई लोग बिश्नोई नाम का गलत संदर्भ लेते हैं। जहां अनिल वन्यजीवों के संरक्षण में जुटे हैं, वहीं कुछ लोग कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को चर्चा का विषय बनाते हैं।
प्रेरणा: युवाओं के लिए संदेश
अनिल बिश्नोई की कहानी हमें सिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति दृढ़ संकल्प और हिम्मत से बड़े बदलाव ला सकता है। यह युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि सही दिशा में काम करके समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
अनिल बिश्नोई का जीवन उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो समाज और पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहते हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर हमारे इरादे नेक हों, तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।