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Success story: 20 हज़ार कर्ज लेकर एक दुकान खोलने की शुरुआत, आज है करोड़ो की कम्पनी के मालिक, इस योजना का मिला सहारा

Success story: 20 हज़ार कर्ज लेकर एक दुकान खोलने की शुरुआत, आज है करोड़ो की कम्पनी के मालिक, इस योजना का मिला सहारा

Success story : सफलता के रास्ते मुश्किलों से भरपूर होते हैं, इस बात को सतना कंक्रीट प्रोडक्ट्स के मालिक जितेंद्र गर्ग की कहानी से साबित किया गया है। उन्होंने अपने रोजगार की तलाश में कदम रखा था और 20 हजार रुपये के कर्ज से अपने व्यापारिक सफर की शुरुआत की थी, छोटी सी दुकान खोली थी। 

प्रारंभिक दिनों में, उन्होंने निराशा का सामना किया, लेकिन जितेंद्र ने कभी हार नहीं मानी और अपने व्यवसाय में ईमानदारी से काम किया। थोड़े संघर्षों के बाद, उन्हें सफलता मिली और उनकी दुकान शुरू हो गई। 

इस से ही उनके सतना कंक्रीट प्रोडक्ट्स का सफर आरंभ हुआ, क्योंकि जितेंद्र का मानना था, 'आप ठहर जाओ तो काम चलेगा, लेकिन आपकी सोच कभी ठहरने नहीं चाहिए।' 

इस तरह, एक और चुनौतीपूर्ण सफर का आगाज हुआ, जब जितेंद्र ने अपनी मनुफैक्चरिंग यूनिट खोलने का निर्णय लिया और अपने गांव के लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने का सपना देखा। पूंजी की कमी थी, लेकिन उनके पास अपने आत्मविश्वास का खजाना था। 

यहाँ तक कि उनका आत्मविश्वास उन्हें खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी की ओर।"

"प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना का आशीर्वाद पाकर, जितेन्द्र ने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों को पार किया। सबसे पहले, उन्होंने बाजार को समझा और अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को तैयार किया, जिसके बाद वे उद्योग विभाग के अधिकारियों से अपने स्टार्टअप के बारे में चर्चा की। 

उद्योग विभाग के अधिकारियों ने उनकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को देखकर कुछ दिनों के बाद सतना कंक्रीट प्रोडक्ट फार्म के नाम से 85 लाख का ऋण प्रदान किया। जितेंद्र ने बताया कि उनकी कंपनी में विभिन्न कंक्रीट प्रोडक्ट्स जैसे फ्लाई ऐश ब्रिक्स, पेबर ब्लॉक, कवर ब्लॉक, कर्व स्टोन, कंक्रीट पोल, चेकर टाइल्स, रूफ टाइल्स बनाए जाते हैं और इन प्रोडक्ट्स की बाजार में बड़ी मांग है।

जितेन्द्र ने सफलता पाने के तरीके का भी वर्णन किया। उन्होंने बताया कि 2014 से इस कंपनी की शुरुआत की थी और उन्होंने इसके बाद कई बदलाव किए हैं, जिनमें मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का विस्तार भी शामिल है। 

वर्तमान में, उनकी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों रुपये का है और वे 40 से 50 लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। जितेंद्र ने बताया कि किसी भी काम को करने से पहले आपको बाजार को समझना होता है और देखना होता है कि आपकी सोचे जा रहे काम के बारे में उसकी मार्केट क्या है, और आप कैसे वहां अपनी जगह बना सकते हैं। 

इसके बाद, वे एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर संवित्त स्थिति के साथ व्यवस्थित तरीके से अपना काम शुरू करते हैं।"

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