राम रहीम पर फिर मेहरबान हुई हरियाणा सरकार! मिली परोल, इस बार बागपत के बरनावा नहीं, सिरसा डेरे में रहेगा

हरियाणा सरकार ने फिर दिखाई दरियादिली, राम रहीम को मिली परोल
सिरसा डेरे में रहेंगे राम रहीम
सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर परोल मिल गई है। इस बार वह बागपत के बरनावा आश्रम में नहीं, बल्कि सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में रहेंगे। यह पहली बार है जब 2017 में सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम को सिरसा डेरे में जाने की अनुमति मिली है।
2017 के बाद पहली बार सिरसा डेरा
डेरा प्रमुख को 2017 में यौन शोषण के मामले में दोषी ठहराया गया था। सजा के बाद से अब तक वह सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय नहीं जा सके थे। हाल ही में उन्हें परोल पर जेल से बाहर आने की अनुमति दी गई, जिसके तहत वे सिरसा में रह सकेंगे।
12 बार मिल चुकी है परोल
गुरमीत राम रहीम को वर्ष 2017 से अब तक 12वीं बार परोल या फरलो मिल चुकी है। बार-बार परोल मिलने पर राज्य सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी इस मुद्दे पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना अनुमति परोल या फरलो न दी जाए, लेकिन बाद में यह निर्णय राज्य सरकार के विवेक पर छोड़ दिया गया।
पिछले साल भी मिली थी इमरजेंसी परोल
पिछले साल राम रहीम ने इमरजेंसी परोल की मांग की थी, जिसे चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद 3 शर्तों के साथ स्वीकृत किया गया था। इन शर्तों में हरियाणा में राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बनाए रखना और सोशल मीडिया पर चुनाव से संबंधित कोई टिप्पणी न करना शामिल था।
किन मामलों में हुई है सजा?
गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामलों में उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई। हालांकि, रणजीत सिंह हत्याकांड में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बाद में उन्हें बरी कर दिया।
सरकार पर उठ रहे सवाल
बार-बार परोल मिलने से हरियाणा सरकार पर राजनीतिक दबाव और सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यह कानून के पालन में ढिलाई है, या कोई राजनीतिक लाभ? यह सवाल अभी भी बहस का विषय बना हुआ है।