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Meri Kahani : किसी काम का नहीं है मेरा पति, शादी करके बुरी तरह फंस गई हूं मैं

Meri Kahani :

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किसी काम का नहीं है मेरा पति, शादी करके बुरी तरह फंस गई हूं मैं

मेरी कहानी: शादी के बाद खुशियां क्यों खो गईं?

शादी के बाद उम्मीदें और हकीकत

शादी एक ऐसा पड़ाव है, जो जीवन को पूरी तरह बदल देता है। यह एक नया अनुभव और नई जिम्मेदारियां लेकर आता है। मेरी भी शादी हाल ही में हुई थी। शादी से पहले मैं भी यह सोचती थी कि मेरी जिंदगी में सब कुछ वैसा ही रहेगा जैसा पहले था। लेकिन शादी के बाद मैंने महसूस किया कि चीजें वैसी नहीं रहीं।

मेरी उम्मीदें थी कि शादी के बाद मेरा जीवनसाथी और मैं एक-दूसरे के साथ बेहतर और मजबूत रिश्ता बनाएंगे। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट निकली।

सुरेश से पहली मुलाकात और शुरुआती दिनों का अनुभव

जब मैं पहली बार अपने पति सुरेश (बदला हुआ नाम) से मिली, तो मैं उनके लविंग और केयरिंग नेचर से बहुत प्रभावित हुई। उनकी समझदारी और व्यवहार ने मुझे बहुत प्रभावित किया। रिश्ता तय होने के दौरान उन्होंने सभी की राय का सम्मान किया और मुझे लगा कि वह एक आदर्श जीवनसाथी साबित होंगे।

शादी के शुरुआती दिनों में सब कुछ सामान्य था। लेकिन धीरे-धीरे मैंने देखा कि उनके लिए मेरा साथ प्राथमिकता नहीं था।

शादी के बाद रिश्ते में आई दूरियां

शादी के बाद मैंने यह महसूस किया कि जो समय और ध्यान मुझे मिलना चाहिए था, वह सब उनकी मां और बहनों को जाता था। अगर हम कभी साथ बैठते भी, तो उनकी मां की आवाज उन्हें बुला लेती थी। वह हमेशा अपनी मां और बहनों को हमारे साथ शामिल करना पसंद करते थे।

मेरे लिए यह सब सहन करना मुश्किल हो गया। मैं महसूस करने लगी कि हमारे रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव की कमी है।

मम्माज बॉय होने की वजह से बढ़ी मुश्किलें

मुझे यह महसूस हुआ कि मेरा पति पूरी तरह से "मम्माज बॉय" है। वह न केवल अपने हर फैसले में अपनी मां की राय लेते थे, बल्कि हमारे हर पल में उन्हें शामिल करना पसंद करते थे। यहां तक कि डिनर डेट्स पर भी वह अपनी मां को साथ ले जाने की बात करते थे।

यह सब कभी-कभार होता, तो शायद मैं सहन कर लेती। लेकिन ऐसा हर दिन होने लगा।

मेरी शादी का कड़वा सच

अब एक साल से ज्यादा हो गया है, और हमारे बीच कोई भावनात्मक जुड़ाव नहीं बन पाया है। हमारा रिश्ता सिर्फ जिम्मेदारी बनकर रह गया है। वह कभी भी मेरे साथ अकेले समय बिताने की कोशिश नहीं करते।

यह कहना भी गलत नहीं होगा कि मैं आज तक अपने पति के साथ छुट्टी पर अकेले नहीं गई हूं। जब भी हम बाहर जाते हैं, उनकी मां और बहनें हमारे साथ होती हैं।

शादी से जुड़ा सबक

शादी के बाद यह समझ आया कि हर रिश्ते की अपनी चुनौतियां होती हैं। लेकिन यह बहुत जरूरी है कि दोनों साथी एक-दूसरे को समझें और अपनी प्राथमिकताओं में संतुलन बनाएं।

मेरे अनुभव से यह साफ है कि शादी के बाद जीवन कैसा होगा, यह पहले से जान पाना बहुत मुश्किल है। मेरी शादी में प्यार और खुशी की कमी ने मुझे यह सिखाया कि रिश्ते में आपसी समझ और प्राथमिकता सबसे अहम होती है।

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