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इलैक्ट्रोहोम्योपैथी पद्धति से लाइलाज रोगों का भी अब उपचार हुआ संभव है

अलग-अलग राज्यों से आए चिकित्सकों ने मीटिंग में किए अनुभव सांझा
 
इलैक्ट्रोहोम्योपैथी पद्धति से लाइलाज रोगों का भी अब उपचार हुआ संभव है
सिरसा। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी हर्बल उपचार प्रणाली है, इसका किसी तरह का कोई बुरा प्रभाव हमारे शरीर पर नहीं पड़ता। दवाइयां सस्ती होने के कारण ये हर किसी की पहुंच में हैं। इन दवाओं से लाइलाज रोगों का इलाज भी संभव हो जाता है। उक्त जानकारी बेगू रोड स्थित रोग मुक्ति क्लीनिक पर अलग-अलग राज्यों से आए चिकित्सकों की आयोजित बैठक में इलैक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सक डा. राजेश कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी जटिल बीमारियों के इलाज में कारगर है। बीमारी में शरीर के अंग की कोशिकाएं विकृत हो जाती हैं। मेडिसन कोशिकाओं में प्रवेश कर उनकी स्टीमुलेटिंग पावर को बढ़ाकर जीवन प्रदान करती है। दवाओं का कोई नुकसान नहीं है। औषधियां प्राकृतिक होती हैं। इस सिस्टम की सपेजरिक मेडिसन की विशेषता यह है कि यह वनस्पति से तैयार की जाती है। इसका बेस आसुत जल होता है। एडवांस डायग्नोसिस पर प्रकाश डालते हुए डा. राजेश कुमार ने कहा कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी का निदान आइरिस एनालाइसिस सभी शारीरिक अंगों की क्रियाविधि को दर्शाता है। शारीरिक अंगों में विकृति आने से पहले ही उसके हेल्दी-अनहेल्दी स्टेटस को ज्ञात करा देता है। डायग्नोसिस से यह भी पता चलता है कि शरीर में होने वाला रोग अनुवांशिक है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक दुष्प्रभाव रहित इलेक्ट्रोहोम्योपैथी औषधियों से बीमारियों का इलाज बेहद कारगर है। इस मौके पर बाहरी राज्यों से आए हुए चिकित्सकों ने भी अपने विचार रखे और अपने अनुभव सांझा किए। इस मौके पर जीरकपुर से डा. अवनीत कौर, अजय कुमार, भिवानी से डा. रवि टोंक, कालांवाली से डा. मनदीप सिंह, दिल्ली से डा. प्रदीप कुमार, डा. सतीश कुमार व अजय कुमार, जींद से धरेंद्र कमार, ओढां सेडा. कुलदीप शर्मा, सांपला से डा. मोनिका, सिरसा से डा. राजबाला, डा. अमनदीप कौर, अकविंद्र कौर, अंजली, हरमन कौर, देवेंद्र सिंह, साहिल, सुचान से विश्व उपस्थित थे।
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