Chanakya Niti : ऐसी औरतें कर देती है बसे बसाए घर को तबाह, चाणक्य नीति में बताई गई है इनकी पहचान
स्त्री के गुण और अवगुण: आचार्य चाणक्य के विचार
नई दिल्ली: एक स्त्री अपने गुणों से घर को स्वर्ग बना सकती है, वहीं अवगुणों के चलते घर को नर्क भी बना सकती है। घर-परिवार को चलाने में जितनी अहम भूमिका घर के मालिक की होती है, उतनी ही अहमियत उस घर में रहने वाली स्त्री की भी होती है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में महिलाओं से जुड़े कई पहलुओं का उल्लेख किया है। उनके अनुसार, स्त्री के गुण और अवगुण न केवल घर के वातावरण को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरे परिवार की तरक्की या बर्बादी का कारण बन सकते हैं।
जीवन संगिनी का चुनाव: आचार्य चाणक्य की सलाह
आचार्य चाणक्य का मानना था कि जीवनसंगिनी का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए। स्त्री के गुणों और स्वभाव को परखना बेहद जरूरी है। आचार्य ने अपनी नीतियों में महिलाओं के कुछ ऐसे गुण-अवगुण बताए हैं, जो परिवार के भविष्य को तय करते हैं।
चौड़े दांत वाली महिलाएं: रिश्तों में समस्याएं
आचार्य चाणक्य के अनुसार, चौड़े दांतों वाली महिलाएं अपने जीवन में अधिक दुख सहती हैं। इसके कारण उनका स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता है, जो परिवार के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
लंबी गर्दन वाली महिलाएं: चालाकी का प्रतीक
लंबी गर्दन वाली महिलाएं, जिनकी गर्दन चार उंगलियों से अधिक लंबी होती है, चाणक्य नीति के अनुसार परिवार की शांति भंग कर सकती हैं। उनकी चालाकी और शातिरता घर के माहौल को प्रभावित कर सकती है। वहीं, छोटी गर्दन वाली महिलाएं शांत और निर्मल स्वभाव की होती हैं, जो परिवार के लिए शुभ होती हैं।
अंगूठे से लंबी उंगली: दुर्भाग्य का संकेत
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिन महिलाओं की पैरों की उंगलियां अंगूठे से लंबी होती हैं, वे दुर्भाग्य लेकर आती हैं। गुस्सैल स्वभाव और नियंत्रित न कर पाने की प्रवृत्ति उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकती है।
चपटी हथेली वाली महिलाएं: कमजोर भाग्य
चाणक्य नीति के अनुसार, चपटी हथेली वाली महिलाओं का भाग्य कमजोर होता है। इनके जीवन में दुख अधिक और सुख कम होता है। धन-संपत्ति में भी ये परिवार के लिए बाधा बन सकती हैं।
कान पर ज्यादा बाल: समस्या का संकेत
महिलाओं के कान पर अधिक बाल होना परिवार में समस्याओं का संकेत देता है। ऐसे मामलों में परिवार के सदस्यों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
आचार्य चाणक्य की नीतियां हमें स्त्री के गुण-अवगुण को पहचानने और समझने का ज्ञान देती हैं। हालांकि, ये विचार उनके समय के समाज और मान्यताओं पर आधारित हैं। आज के दौर में इन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना और तर्कसंगत रूप से अपनाना चाहिए।