logo

कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया की नई पहल, नंगे पांव चलकर लोगों का जताया आभार

XX
सिरसा विधानसभा सीट से गोपाल कांडा को हराकर विधायक बने हैं सेतिया

कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया की नई पहल, नंगे पांव चलकर लोगों का जताया आभार
सिरसा विधानसभा सीट से गोपाल कांडा को हराकर विधायक बने हैं सेतिया



हरियाणा के सिरसा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक निर्वाचित हुए 35 वर्षीय गोकुल सेतिया अपनी अनूठी कार्यशैली से एक नजीर प्रस्तुत कर रहे हैं। विधायक चुने जाने के बाद जहां उन्होंने शनिवार को सिरसा की जनता का उन्हें विजयी बनाने के लिए आभार व्यक्त किया तो गोकुल ने सिरसा के बाजारों में नंगे पांव चलकर लोगों का धन्यवाद किया। नंगे पैर धन्यवादी दौरा करने से जहां गोकुल सेतिया सुर्खियों में आ गए तो वहीं लोगों को भी उनका यह नया अंदाज खूब पसंद आया। खास बात यह है कि 2019 में पहली बार निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले गोकुल सेतिया अपने इन्हीं अनूठी पहलकदमियों की वजह से हमेशा चर्चा में रहते आए हैं।


गौरतलब है कि गोकुल सेतिया साल 2019 में सियासत में पूरी तरह से सक्रिय हुए। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गोकुल को टिकट नहीं दिया। ऐसे में गोकुल सेतिया ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा। उनका मुकाबला हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा से हुआ। गोकुल सेतिया को इनैलो का भी समर्थन मिला और कड़े मुकाबले में गोकुल सेतिया केवल 602 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए। चुनाव हार जाने के बाद भी गोकुल सेतिया ने लगातार जनहित के मुद्दे उठाने का क्रम जारी रखा। सिरसा विधानसभा क्षेत्र में चाहे धिंगतानियां माइनर की बात हो या फिर किसानों के मुआवजे का मामला हो गोकुल सेतिया ने जोरदार तरीके से आवाज उठाई तथा तत्कालीन विधायक गोपाल कांडा को भी जनहित के मुद्दों पर घेरा। अहम बात यह है कि जब गोकुल सेतिया 2019 का विधानसभा चुनाव हारे तब भी धन्यवाद करने के लिए वे नंगे पैर बाजारों व गांवों में गए थे। अब चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने नंगे पैर पैदल चलते हुए वोटों की अपील की। सिरसा सीट पर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए गोकुल सेतिया ने हलोपा के गोपाल कांडा को करीब 7234 वोटों के अंतर से पराजित किया है। ऐसे में गोकुल सेतिया अब जीत के बाद लगातार धन्यवाद करने जनता के बीच जा रहे हैं। आज भी हिसारिया बाजार से होते हुए गोकुल सेतिया शहर के विभिन्न बाजारों में नंगे पांव चलते हुए धन्यवाद करते हुए नजर आए। 


हरियाणा में हॉट सीट रही थी सिरसा


सिरसा विधानसभा क्षेत्र हरियाणा की हॉट सीट बन गई थी। गौरतलब है कि 2 लाख 30 हजार मतदाताओं पर आधारित सिरसा विधानसभा क्षेत्र के इस चुनाव में कुछ दिलचस्प तथ्य जुड़ गए हैं। इस सीट पर हुए चुनाव में आमने सामने आए गोपाल कांडा और गोकुल सेतिया को लेकर अहम बात यह रही कि दोनों के आवास भी आमने-सामने ही हैं। सिरसा की रानियां रोड पर गोपाल कांडा का घर है जबकि उसके ठीक सामने ही गोकुल सेतिया की कोठी बनी हुई है। खास बात यह है कि कांडा के आवास के साथ और सेतिया की कोठी से थोड़ी दूरी पर श्री बाबा तारा जी की कुटिया है और गोकुल सेतिया के पिता राहुल सेतिया एवं गोपाल कांडा दोनों ही संत बाबा तारा के अनन्य भक्त हैं और एक-दूसरे के गुरुभाई कहलाते हैं। विशेष बात यह है कि गोपाल कांडा व गोकुल सेतिया दोनों के कार्यालय भी सिरसा के हिसारिया बाजार में अगल-बगल में ही हैं।
गोकुल सेतिया के नाना 5 बार व गोपाल 2 बार रह चुके हैं सिरसा से विधायक


उल्लेखनीय है कि गोकुल सेतिया के नाना लछमन दास अरोड़ा सिरसा सीट से 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं। 2009 में गोपाल कांडा इनैलो के पदम जैन और कांग्रेस के लछमन दास अरोड़ा को हराकर पहली बार विधायक बने थे और उस वक्त भूपेंद्र सिंह हुड्डा को समर्थन देकर गोपाल कांडा उनकी सरकार में गृह राज्य मंत्री बने थे। तथ्यों को देखें तो सिरसा से सर्वाधिक पांच बार लछमन दास अरोड़ा विधायक बने और वे चार बार मंत्री रहे । अरोड़ा ने एक बार 1982 में आजाद उम्मीदवार के रूप में भी जीत हासिल की। सिरसा जिले में आजाद उम्मीदवारों की जीत का रिकॉर्ड भी सिरसा हलके के नाम है। सिरसा हलका से अब तक तीन आजाद उम्मीदवार विजयी हुए। चुनाव-दर-चुनाव बात करें तो साल 1967 में सिरसा विधानसभा सीट से भारतीय जनसंघ की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए लछमन दास अरोड़ा ने 18805 वोट हासिल करते हुए कांगे्रस के सीताराम को 5067 वोटों के अंतर से पराजित किया। लछमन दास अरोड़ा 1982 में वे आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और दूसरी बार सिरसा से विधायक बन गए। लछमन दास ने 18458 वोट हासिल करते हुए भाजपा के महावीर प्रसाद रातुसरिया को 1780 वोटों के अंतर से पराजित किया। 1991 के चुनाव में लछमन दास अरोड़ा ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए  33102 वोट हासिल किए और उन्होंने भाजपा के गणेशीलाल को 18995 वोटों के अंतर से पराजित किया। साल 2000 के चुनाव में लछमन दास अरोड़ा चौथी बार सिरसा से विधायक बने। इस बार अरोड़ा ने 40522 वोट हासिल करते हुए भाजपा के जगदीश चोपड़ा को 15091 वोटों के अंतर से पराजित किया। चोपड़ा को 25431 वोट मिले थे। 2005 के विधानसभा चुनाव में कांगे्रस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए लछमन दास अरोड़ा ने 60957 वोट लेते हुए इनैलो के पदम जैन को 15304 वोट के अंतर से हराया। जैन को 45653 वोट मिले। साल 2009 के विधानसभा चुनाव में आजाद चुनाव लड़ते हुए गोपाल कांडा ने इनैलो के पदम जैन को 6469 वोटों के अंतर से हराया। जैन को इस चुनाव में 31678 वोट मिले थे। इस चुनाव में कांग्रेस के लछमन दास अरोड़ा तीसरे स्थान पर रहे।
गोकुल व गोपाल के नाम के शाब्दिक अर्थ में भी है समानता


एक दिलचस्प पहलू यह है कि गोपाल कांडा व गोकुल सेतिया दोनों के ही नाम के शाब्दिक अर्थ में भी समानता है। दोनों के ही नाम गौमाता से जुड़े हुए हैं। गोपाल का अर्थ गौपालक  अथवा ग्वाला होता है जबकि गोकुल का अर्थ गायों का समूह या गौशाला है। उल्लेखनीय है 2019 के विधानसभा चुनाव में भी सिरसा सीट पर इन दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। हरियाणा लोकहित पार्टी से चुनाव लड़ते हुए गोपाल कांडा ने 44915 वोट हासिल किए और आजाद प्रत्याशी गोकुल सेतिया को 602 वोट के अंतर से हराया। गोकुल सेतिया को तब इनैलो ने भी समर्थन दिया था। गोकुल सेतिया को 44315 वोट मिले थे। इस बार गोपाल को हराकर गोकुल सेतिया विधायक चुने गए हैं। इस चुनाव में गोपाल कांडा को इनैलो व बसपा के अलावा भाजपा का भी समर्थन हासिल था।



सिरसा के बाजारों में नंगे पांव चलते हुए गोकुल सेतिया।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now