ट्रम्प को पहला झटका: जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार पर अदालत की रोक

ट्रम्प को पहला झटका: जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार पर अदालत की रोक
अमेरिकी अदालत का अहम फैसला
अमेरिका की एक अदालत ने नागरिकता के जन्मसिद्ध अधिकार को असंवैधानिक करार देते हुए इस पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह फैसला ट्रम्प प्रशासन के लिए पहला बड़ा झटका माना जा रहा है। अमेरिकी अदालतों का यह फैसला यह साबित करता है कि वे भारत के सुप्रीम कोर्ट की तरह बहुसंख्यकों की जन भावनाओं के आधार पर ग़लत को सही ठहराने का काम नहीं करतीं।
20 से ज्यादा याचिकाओं पर चल रहा है मामला
यह फैसला अभी केवल पहली याचिका पर आया है। ऐसे ही 20 से अधिक याचिकाएं अमेरिका के विभिन्न राज्यों की अदालतों में दायर की गई हैं। इस मामले में ट्रम्प प्रशासन का मनमाना फैसला लागू करना मुश्किल नजर आ रहा है।
ट्रम्प की रणनीति पर सवाल
हालांकि, संभावना है कि ट्रम्प और उनकी टीम को पहले से ही इस स्थिति का अंदाजा रहा होगा। वे इस फैसले के लिए पहले से तैयार हो सकते हैं और कोई नई रणनीति अपनाने की कोशिश कर सकते हैं।
गोरे मतदाताओं को संदेश
ट्रम्प ने अपने गोरे मतदाताओं को एक स्पष्ट संदेश दे दिया है। उन्होंने संकेत दिया है कि अमेरिका के संविधान में ही खामियां हैं और उसे बदले बिना काम नहीं चलेगा। यह एक बड़ी बात है, क्योंकि इससे संविधान को बदलने की भावना को बल मिल सकता है।
संविधान बचाने की चुनौती
ट्रम्प प्रशासन की इस पहल के बाद, अमेरिका के विपक्षी दलों को "संविधान बचाओ" अभियान शुरू करना पड़ सकता है। यह मामला अब केवल एक कानूनी लड़ाई नहीं रह गया है, बल्कि इसका सीधा संबंध राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों से भी है।
निष्कर्ष
अमेरिकी अदालत का यह फैसला ट्रम्प प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण झटका साबित हो सकता है। इसके आगे की कानूनी और राजनीतिक लड़ाई देखने योग्य होगी। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए विपक्षी दलों को एकजुट होना पड़ेगा।