logo

दीक्षा सु*साइड मामले मे शारदा कॉलेज की लड़कियां आयी कैमरे के सामने,

दीक्षा सु*साइड 

jkgljg
शारदा कॉलेज

कॉलेज विवाद: आत्महत्या मामले में राजनीतिक एंगल?

आत्महत्या और कॉलेज पर आरोप

हाल ही में एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है, जिसमें कॉलेज प्रबंधन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि छात्रा को कॉलेज से निकाला गया था, जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया। लेकिन छात्राओं और उनके परिजनों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताया है।

कॉलेज प्रबंधन का पक्ष

कॉलेज के प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि 5 अगस्त 2024 से छात्रों की फीस माफ कर दी गई है। इसमें पढ़ाई, ट्रांसपोर्ट और किताबों की सभी सुविधाएं फ्री कर दी गई हैं। कॉलेज प्रबंधन ने यह भी कहा कि यह मामला कॉलेज परिसर के बाहर का है और इसका संस्थान से कोई संबंध नहीं है।

छात्राओं और परिजनों का बयान

कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा खुशी ने कहा, "हमारे कॉलेज में कभी फीस को लेकर किसी से कोई परेशानी नहीं हुई। हमारी पढ़ाई, ट्रांसपोर्ट, और किताबें फ्री में उपलब्ध करवाई जाती हैं। आरोप बेबुनियाद हैं।"

एक अन्य छात्रा प्रेरणा ने कहा, "हमारे कॉलेज का माहौल बहुत अच्छा है। न तो किसी छात्रा के साथ दुर्व्यवहार हुआ है, और न ही फीस के मुद्दे पर कोई विवाद हुआ है।"

परिजनों का भरोसा

एक छात्रा के पिता ने कहा, "हमारे बच्चों के लिए यह कॉलेज घर से भी सुरक्षित है। यहां पर पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन पर भी ध्यान दिया जाता है। इस तरह के आरोप सिर्फ कॉलेज की छवि खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं।"

छात्रा के नेचर पर सवाल

कई छात्रों ने कहा कि आत्महत्या करने वाली छात्रा अक्सर कॉलेज कम आती थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला हो सकता है और इसे कॉलेज से जोड़ना उचित नहीं है।

क्या है प्रशासन का कहना?

कॉलेज प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 6 तारीख को कोई परीक्षा नहीं थी। ऐसे में छात्रा को परीक्षा से निकालने का सवाल ही नहीं उठता। प्रशासन ने इस बात पर भी जोर दिया कि आत्महत्या के 10 दिन पहले छात्रा ने सभी परीक्षाएं दी थीं।

राजनीतिक षड्यंत्र की आशंका

कॉलेज प्रबंधन और छात्रों का मानना है कि यह मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। कॉलेज के प्रिंसिपल और प्रबंधन ने कभी किसी छात्रा के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया है।

निष्कर्ष

इस पूरे मामले में कॉलेज का नाम खराब करने की कोशिशें की जा रही हैं। छात्रों और परिजनों का कॉलेज पर पूरा विश्वास है। प्रशासन ने जांच में सहयोग का आश्वासन दिया है, लेकिन इस विवाद ने शिक्षा संस्थानों पर राजनीतिक हस्तक्षेप की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

(यह लेख घटनाओं पर आधारित है और पाठकों को स्वतंत्र राय बनाने के लिए प्रेरित करता है।)

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now