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मकर संक्रांति 2025: जानें स्नान, दान और शुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जरूरी बातें

मकर संक्रांति 2025:
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जानें स्नान, दान और शुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जरूरी बातें

मकर संक्रांति 2025: जानें स्नान, दान और शुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जरूरी बातें

मकर संक्रांति की तिथि और महत्व
मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं, जिसे हिंदू धर्म में शुभ और पवित्र माना जाता है। यह त्यौहार पूरे भारत में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे खिचड़ी का त्यौहार कहा जाता है, पंजाब में लोहड़ी और दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से जाना जाता है।

स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन शुभ कार्यों के लिए सही समय जानना बेहद जरूरी है।

  • सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का समय: सुबह 9:03 बजे।
  • पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से शाम 6:04 बजे तक।
  • महा पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से 10:48 बजे तक।

सुबह स्नान और दान करने के लिए सूर्योदय के बाद का समय उपयुक्त है। स्नान से पहले सूर्य देव का ध्यान करें और गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

मकर संक्रांति पर क्या करें दान?
दान का इस पर्व पर विशेष महत्व है। माना जाता है कि सही चीजों का दान करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।

  • दान की जाने वाली चीजें:
    • तिल, गुड़ और खिचड़ी।
    • काले उड़द की दाल, चावल, गेहूं।
    • गर्म कपड़े, कंबल और घी।
    • तांबे, पीतल, चांदी या सोने के बर्तन।
    • गौशाला में गाय को चारा या गुड़ खिलाना।

क्या नहीं करना चाहिए दान?
दान करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें, ताकि यह अशुभ प्रभाव न डाले।

  • टूटी-फूटी वस्तुएं, पुराने कपड़े या फटे हुए बर्तन न दें।
  • झाड़ू, लोहे की वस्तुएं और सफेद कपड़े दान करने से बचें।
  • तामसिक भोजन (मांस-मदिरा) से दूर रहें।

पूजा विधि और परंपराएं

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सफाई करें।
  • नहाने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और "ॐ सूर्याय नमः" का जाप करें।
  • सूर्य चालीसा का पाठ करें और व्रत का संकल्प लें।
  • घर पर तिल-गुड़ के लड्डू और खिचड़ी बनाएं।
  • गरीबों को भोजन कराएं और वस्त्र दान करें।

मकर संक्रांति से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं
इस दिन सूर्य देव की पूजा और दान-पुण्य करना विशेष फलदायी माना जाता है। यह दिन सूर्य और शनि ग्रहों के बीच सामंजस्य का प्रतीक है। सही चीजों का दान करने से कुंडली के दोष भी समाप्त हो सकते हैं।

निष्कर्ष
मकर संक्रांति का पर्व हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति लाने का माध्यम है। सही नियमों का पालन करें, दान करें और दूसरों की मदद करें। इस दिन किसी का दिल न दुखाएं और शुभ कार्यों में मन लगाएं।

आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!

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