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अब केंद्र और राज्य सरकार लगा सकते हैं किसी फिल्म पर बैन, जानें क्या कहता है कानून

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State Ban a Film: पश्चिम बंगाल सरकार ने द केरल स्टोरी (The Kerala Story) पर बैन लगा दिया है, लेकिन इस बीच एक सवाल सबसे ज्यादा उठा रहा है कि क्या केंद्र या राज्य सरकार किसी फिल्म को बैन कर सकती है, जबकि फिल्म सेंसर बोर्ड से पास हो चुकी है.

The Kerala Story Ban: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने राज्य में फिल्म 'द केरल स्टोरी' को बैन कर दिया है और फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी है. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया है और पार्टी इस फैसले को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दे सकती है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द केरल स्टोरी पर रोक लगाने के केरल हाई कोर्ट के इनकार के खिलाफ दायर याचिका पर 15 मई को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है. फिल्म इंडस्ट्री ने मूवी पर बैन लगाने की आलोचना की है और इसे अभिव्‍यक्ति की आजादी का हनन बताया है, लेकिन इस बीच एक सवाल सबसे ज्यादा उठा रहा है कि क्या केंद्र या राज्य सरकार किसी फिल्म को बैन कर सकती है, जबकि फिल्म सेंसर बोर्ड से पास हो चुकी है.

फिल्म रिलीज करने के लिए सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट जरूरी

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्‍म सर्टिफिकेशन यानी सीबीएफसी (CBFC) का काम फिल्मों की जांच करना होता है और इसके बाद आपत्तिजनक सीन को काटने-छांटने का अधिकार होता है. इसके साथ ही किसी भी फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करने के लिए सीबीएफसी का सर्टिफिकेट जरूरी होता है. इसके बिना फिल्म रिलीज नहीं की जा सकती है. हालांकि, ओटीटी पर फिल्‍म रिलीज के लिए सीबीएफसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है.

क्या सेंसर बोर्ड के पास है फिल्म को बैन करने का अधिकार?

सीबीएफसी सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 और सिनेमेटोग्राफी रूल 1983 के अनुसार, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्‍म सर्टिफिकेशन (CBFC) के पास किसी भी फिल्म को बैन करने का अधिकार नहीं है, लेकिन सीबीएफसी किसी भी फिल्म में आपत्ति होने पर सर्टिफिकेट (Film Certificate) देने से मना कर सकता है और बिना सर्टिफिकेट को सिनेमाघरों में रिलीज नहीं किया जा सकता है.

क्या केंद्र के पास है फिल्म बैन करने का अधिकार?

सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 (5E) के अनुसार, केंद्र सरकार के पास किसी भी फिल्म को बैन करने का पूरा अधिकार है, जबकि उसे सीबीएफसी सर्टिफिकेट मिल चुका हो. केंद्र सरकार के पास सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्‍म सर्टिफिकेशन (CBFC) से मिले सर्टिफिकेट को रद्द करने का भी अधिकार है. केंद्र सरकार ने इसको लेकर साल 2022 में सिनेमेटोग्राफी एक्ट में बदलाव किया था और संसद में एक बिल पेश किया था. हालांकि, यह विधेयक अभी पारित नहीं हुआ है. इसके तहत अगर दर्शकों को फिल्म पर आपत्ति होगी तो केंद्र सरकार फिल्म को रिलीज करने से रोक सकती है.

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