राजस्थान समेत देशभर के 200 टोल प्लाजा पर घोटाले का खुलासा

राजस्थान समेत देशभर के 200 टोल प्लाजा पर घोटाले का खुलासा
समानांतर सॉफ्टवेयर से हो रहा था फ्रॉड
राजस्थान के चार टोल प्लाजा समेत देशभर में लगभग 200 टोल प्लाजा पर बड़ा घोटाला सामने आया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के कंप्यूटर सिस्टम में समानांतर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर टोल कलेक्शन में धोखाधड़ी की जा रही थी।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा पर छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों ने NHAI के कंप्यूटर सिस्टम में अपना सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर लिया था, जिससे बिना फास्टैग वाले वाहनों से होने वाले कलेक्शन में हेराफेरी की जा रही थी।
रोजाना 45 हजार की अवैध वसूली
जांच में सामने आया कि ये आरोपी पिछले दो साल से अतरैला के शिवगुलाम टोल प्लाजा से रोजाना 45 हजार रुपए अवैध तरीके से वसूल रहे थे। अब तक यह गिरोह यहां से करीब 3.28 करोड़ रुपए का गबन कर चुका है।
12 राज्यों में फैला है नेटवर्क
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने देश के 12 राज्यों के लगभग 200 टोल प्लाजा पर NHAI के समानांतर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा है। इसके जरिए वे बड़े पैमाने पर टोल कलेक्शन में धांधली कर रहे हैं।
राजस्थान के चार टोल प्लाजा की हुई पहचान
एसटीएफ की जांच में राजस्थान के चार टोल प्लाजा में भी इस घोटाले का खुलासा हुआ है। इनमें फुलेरा टोल प्लाजा, शाहपुरा टोल, कादीसहना टोल प्लाजा (एकेसीसी कंपनी) और शाउली टोल प्लाजा (एनुवेजन कंपनी) शामिल हैं। एसटीएफ ने इन टोल प्लाजा की जानकारी NHAI को सौंप दी है।
NHAI और प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
NHAI और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। अन्य टोल प्लाजा पर भी जांच अभियान तेज कर दिया गया है। इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
घोटाले से सबक: सिस्टम में सख्ती जरूरी
यह घटना टोल कलेक्शन सिस्टम की खामियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे घोटाले रोकने के लिए तकनीकी सुरक्षा को और मजबूत करना होगा।