महाकुंभ की Monalisa पर हंगामा जारी, बाबा बागेश्वर का आया बड़ा बयान!
महाकुंभ की Monalisa
महाकुंभ में ‘सुनहरी आंखों वाली मोनालिसा’ पर छाए चर्चे
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में इंदौर की माला बेचने वाली सुनहरी आंखों वाली मोनालिसा का नाम इन दिनों हर किसी की जुबान पर है। उनकी सादगी और आकर्षक आंखों ने लोगों का दिल जीत लिया है। सोशल मीडिया पर मोनालिसा के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, और हर कोई उनके साथ तस्वीर खिंचाने की होड़ में लगा है।
बागेश्वर सरकार का बयान: "महाकुंभ का मुख्य मुद्दा न भटके"
मोनालिसा की बढ़ती लोकप्रियता पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का मुख्य उद्देश्य आस्था, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देना है, न कि वायरल वीडियो का केंद्र बनना। बागेश्वर सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा, "महाकुंभ रील नहीं, रियल का विषय है। जो भी चल रहा है, वह उचित नहीं है।"
"आस्था और संस्कृति का प्रतीक है महाकुंभ"
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि महाकुंभ का उद्देश्य आस्था और संस्कृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ में वायरल वीडियो का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यह आयोजन भारत की परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को समझने और उनका सम्मान करने के लिए है।
मोनालिसा की सादगी ने खींचा ध्यान
इंदौर के पास महेश्वर की रहने वाली मोनालिसा, जो महाकुंभ में माला बेचने आई हैं, अपनी सुनहरी आंखों और सादगी से लोगों के दिलों पर छा गई हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। उनकी तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर तेजी से शेयर किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का मूल उद्देश्य आस्था और परंपरा का प्रचार-प्रसार है। इस आयोजन को वायरल वीडियो का मंच न बनने देना आवश्यक है। मोनालिसा की सादगी और उनके प्रति लोगों की दीवानगी चर्चा का विषय जरूर है, लेकिन महाकुंभ का वास्तविक महत्व उसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान में है।