Zakir Hussain Death उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का निधन: भारतीय संगीत ने खोया एक महान सितारा
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का निधन: भारतीय संगीत ने खोया एक महान सितारा
हार्ट प्रॉब्लम्स के कारण अमेरिका में हुआ निधन
भारतीय तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का अमेरिका में निधन हो गया। उन्हें हार्ट संबंधी समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ज़ाकिर हुसैन भारतीय संगीत को विश्व स्तर पर पहुंचाने वाले उन चुनिंदा कलाकारों में से एक थे, जिन्होंने अपनी जड़ों से कभी नाता नहीं तोड़ा।
संगीत के संस्कारों में बचपन से ढले
1951 में तबले के महान उस्ताद अल्ला रक्खा के घर जन्मे ज़ाकिर हुसैन ने एक बार बताया था कि उनके पिता ने जन्म के समय उन्हें प्रार्थनाओं के बजाय तबले के बोल सुनाए थे। बचपन से ही संगीत के माहौल में पले-बढ़े ज़ाकिर ने अपने पिता की तरह तबले की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।
सम्मानों से सजी यात्रा
ज़ाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्मभूषण और 2023 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर मजबूती से पेश किया और सात बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित हुए, जिनमें से चार बार उन्होंने यह प्रतिष्ठित सम्मान जीता। फरवरी 2024 में उन्हें तीन ग्रैमी पुरस्कार मिले।
संगीत और सिनेमा में योगदान
ज़ाकिर हुसैन ने कई फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया, जिनमें इन कस्टडी और द मिस्टिक मसर जैसी फिल्में प्रमुख हैं। उन्होंने फ्रांसिस फोर्ड कोपोला की एपोकैलिप्स नाउ और बर्नार्डो बर्तोलुची की लिटिल बुद्धा जैसी हॉलीवुड फिल्मों के लिए भी तबला वादन किया।
परिवार में शोक की लहर
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन अपने पीछे पत्नी एंटोनिया और दो बेटियां, अना कुरैशी और इसाबेला कुरैशी, को छोड़ गए हैं। उनके निधन से भारतीय संगीत जगत में शोक की लहर है।
एक युग का अंत
ज़ाकिर हुसैन का जीवन संगीत प्रेमियों के लिए प्रेरणा है। उनका योगदान भारतीय और वैश्विक संगीत जगत में अमूल्य है। उनके निधन से संगीत की दुनिया ने एक अनमोल सितारा खो दिया है।