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महिला तांत्रिक की अंधविश्वास से मौत: विज्ञान का तिरस्कार और समाज की गुमराही नहीं रही मोखरा वाली साध्वी

महिला तांत्रिक
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विज्ञान का तिरस्कार और समाज की गुमराही

महिला तांत्रिक की अंधविश्वास से मौत: विज्ञान का तिरस्कार और समाज की गुमराही

गांव मोखरा से शुरू हुआ अंधविश्वास का सफर
हरियाणा के गांव मोखरा से एक महिला ने अंधविश्वास और पाखंड को बढ़ावा देते हुए समाज के बड़े हिस्से को भ्रमित किया। यह महिला विज्ञान विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त रही और तांत्रिक क्रियाओं के माध्यम से लोगों को गुमराह किया।

जयकारों में डूबा समाज और तिरस्कृत विज्ञान
यह देखा गया कि समाज का एक बड़ा तबका, इस महिला के कार्यों को रोकने की बजाय, उसे प्रोत्साहित करता रहा। वेद-शास्त्रों और विज्ञान का तिरस्कार करते हुए लोग अंधविश्वास में फंस गए। महाराज सुकरा नाथ जैसे धार्मिक व्यक्तियों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन महिला ने इस पर ध्यान नहीं दिया और खुद को भगवान के समान मानने लगी।

तांत्रिक क्रियाओं का खतरनाक परिणाम
महिला ने पानी में बर्फ डालकर और ड्रम के अंदर बैठने जैसी क्रियाएं कीं, जो उसकी मौत का कारण बनीं। लंबे समय तक ठंडे पानी में रहने के कारण उसका ब्लड सर्कुलेशन बंद हो गया, जिससे उसकी जान चली गई।

अंधविश्वास को प्रोत्साहन देना घातक
यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सबक है कि अंधविश्वास और पाखंड फैलाने वालों का समर्थन नहीं करना चाहिए। ऐसी गतिविधियां न केवल समाज को गुमराह करती हैं, बल्कि घातक परिणाम भी देती हैं।

समाज के लिए संदेश
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि हमें विज्ञान और तर्क पर विश्वास करना चाहिए और अंधविश्वास से दूर रहना चाहिए। ऐसी घटनाओं से सीख लेकर समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है।

आपका इस घटना के बारे में क्या विचार है?

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