Sakat Chauth Kab Hai 2025 | Sankashti Chaturthi 2025 Date Time चन्द्रोदय समय सकट चौथ व्रत पूजा विधि
Sakat Chauth Kab Hai 2025 | Sankashti Chaturthi 2025 Date Time
सकट चौथ: जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और खास नियम
सकट चौथ कब है और इसका महत्व
सकट चौथ, जिसे संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुंड चतुर्थी, या तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है, माघ महीने में आने वाली चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश, चंद्रदेव, और माता सकट की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन के संकट दूर होते हैं और संतान का कल्याण होता है।
सकट चौथ की तिथि और चांद निकलने का समय
इस वर्ष सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 17 जनवरी को सुबह 4:06 बजे होगी और इसका समापन 18 जनवरी को सुबह 8:30 बजे होगा।
चांद निकलने का समय लगभग रात 9:10 से 9:20 के बीच रहेगा। दिल्ली में चंद्रमा 9:12 बजे, लखनऊ में 9:11 बजे, और चंडीगढ़ में 9:13 बजे दिखाई देगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
सकट चौथ की पूजा के लिए मुख्य शुभ मुहूर्त:
- सुबह: 5:30 बजे से 6:30 बजे तक
- शाम: 8:34 बजे से 9:53 बजे तक
सकट चौथ व्रत और पूजा विधि
- सफाई और गंगाजल का उपयोग
पूजा स्थान को साफ करके वहां गंगाजल का छिड़काव करें। - मूर्ति और चित्र की स्थापना
भगवान गणेश और माता सकट की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। - सात्विक जीवनशैली अपनाएं
इस दिन प्याज, लहसुन, मांस, और अंडे से परहेज करें। केवल सात्विक भोजन बनाएं। - चंद्रमा को अर्घ्य देना
रात में चंद्रमा को अर्घ्य देना अनिवार्य है। इसके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता। - दान और प्रसाद
तिल के लड्डू बनाएं, भोग लगाएं और गरीबों में दान करें।
व्रत के खास नियम और परंपराएं
सकट चौथ का व्रत माताएं अपने बच्चों के कल्याण और लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। व्रत के दौरान निर्जल रहना चाहिए। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही जल ग्रहण करना चाहिए।
व्रत खोलने का तरीका
व्रत को खोलने के लिए दूध, शक्करकंदी, मूंगफली, या फलाहार का सेवन करें। भगवान गणेश को तिल के लड्डू का भोग लगाएं, क्योंकि इस दिन तिल का विशेष महत्व है।
सकट चौथ के फायदे और धार्मिक महत्व
यह व्रत भगवान गणेश को प्रसन्न करने का दिन है। गणेश मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है। संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि, और संकटों से मुक्ति के लिए यह व्रत महत्वपूर्ण माना गया है।
सकट चौथ के दिन क्या न करें
- किसी को कठोर शब्द न बोलें।
- तामसिक कार्यों से बचें।
- शुभ मुहूर्त में ही पूजा करें।
इस पावन दिन पर भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा विधिवत करें और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करें।