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भारत में इस साल हल्की सर्दी और कम शीतलहर की संभावना: मौसम विभाग

मौसम विभाग
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सर्दियों का नया ट्रेंड

भारत में इस साल हल्की सर्दी और कम शीतलहर की संभावना: मौसम विभाग

सर्दियों का नया ट्रेंड

नवंबर का महीना खत्म हो चुका है, दिसंबर शुरू हो गया है, और नया साल 2025 जल्द आने वाला है। इस बार सर्दियों का मौसम अपेक्षाकृत कम ठंडा दिख रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि इस साल शीतलहर के दिनों में कमी रहेगी।

शीतलहर के दिनों में कमी

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दिसंबर से फरवरी 2025 के दौरान भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। आमतौर पर सर्दियों में पांच से छह दिन गंभीर शीतलहर देखने को मिलती है, लेकिन इस साल औसत की तुलना में दो से चार दिन कम शीतलहर की उम्मीद है।

तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस साल पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति के कारण सर्दियों का तापमान अधिक रहेगा। नवंबर 2024 को 1901 के बाद सबसे गर्म नवंबर के रूप में दर्ज किया गया। यह जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण के स्पष्ट संकेत हैं।

क्षेत्रीय प्रभाव

हालांकि जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में हुई बर्फबारी ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण को कम किया है, लेकिन राजस्थान जैसे राज्यों में नवंबर का महीना रिकॉर्ड गर्म रहा। श्रीगंगानगर और बीकानेर में ठंड का असर नगण्य रहा।

क्या इस बार तेज ठंड होगी?

हालांकि दिसंबर और जनवरी में धीरे-धीरे तापमान गिरने की संभावना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार तेज सर्दी और कड़ाके की ठंड कम देखने को मिलेगी। राजस्थान और अन्य राज्यों में औसत सर्दी रहेगी, लेकिन यह पूरी तरह से गायब नहीं होगी।

जलवायु परिवर्तन का असर

इस बार का सर्दियों का ट्रेंड स्पष्ट रूप से जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दिखाता है। बढ़ता प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन न केवल तापमान में बदलाव ला रहे हैं, बल्कि मौसमी पैटर्न को भी प्रभावित कर रहे हैं।

सर्दियों के मौसम से जुड़ी यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव और बदलते मौसम के संकेतों की ओर इशारा करती है। भारत और दुनिया के बाकी हिस्सों में पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

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