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13 वर्षीय बच्ची को बताया गर्भवती, कराने गई थायराइड का टेस्ट, आरोपी चौकी इंचार्ज व एएसआई लाइन हाजिर

Told 13-year-old girl pregnant, went for thyroid test, accused outpost incharge and ASI line spot
13 वर्षीय बच्ची को बताया गर्भवती,

हरियाणा के के रेवाड़ी डिस्ट्रिक्ट के गांव के अजीबोगरीब घटना सामने आई है।  एक 13 वर्षीय बच्ची जोकि थायराइड का टेस्ट कराने गई थी उसकी गलत रिपोर्ट बनाकर पेश कर दी।  13 वर्षीय बच्ची को गर्भवती बताकर f.i.r. करने वह बच्ची के साथ गलत व्यवहार करने पर दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। 

डीएसपी सिटी सुभाष चंद की रिपोर्ट के आधार पर कुंड चौकी प्रभारी एसआई शीशराम और महिला एएसआई प्रवीन को लाइन हाजिर कर दिया गया है। डीएसपी ने इसकी पुष्टि की है। शुक्रवार को गांव में पंचायत भी हुई थी। डीएसपी खुद इस पंचायत में पहुंचे तथा बच्ची के परिवार व ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिसक ्मियों ने बच्ची और उसके परिवार से अपराधियों की तरह व्यवहार करते हुए प्रताड़ित किया। यहां तक कि दोबारा जांच के बाद रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी दुर्व्यवहार जारी रहा। डीएसपी ने उसी समय ग्रामीणों को संबंधित पुलिसक ्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टर के खिलाफ किसी तरह का एक्शन नहीं लिए जाने पर भी ग्रामीणों ने आपत्ति जताई।

मैंने कहा मेरी बच्ची गलत नहीं तो पुलिसकर्मी बोला - तू भी ऐसी ही है...
मैं 24 अप्रैल को सुबह पीएचसी बासदूधा में बच्ची को लेकर गई थी। थायराइड टेस्ट कराना था। यहां डॉक्टर ने किट से टेस्ट कर बताया कि बच्ची 2 माह की प्रेग्नेंट है। डॉक्टर ने पुलिस को भी फोन कर दिया और एफआईआर दर्ज करा दी। दोपहर करीब 1 बजे पुलिस हमारे घर पहुंची तथा मुझे, मेरी बच्ची, सास व घर की अन्य महिलाओं को गाड़ी में जबरदस्ती बैठा लिया। कहा कि 10 मिनट में छोड़ जाएंगे।

चौकी में ले जाकर पुलिसवालों ने बहुत खराब व्यवहार शुरू कर दिया। डरी सहमी बच्ची से पूछते रहे कि तेरा बाप और भाई के साथ संबंध कैसे हैं? इसके बाद खोल सीएचसी ले गए, मगर वहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं थी। फिर खोल थाने ले गए। मैंने कहा मेरी बच्ची गलत नहीं है तो पुलिस वाले ने कहा कि तू भी ऐसी ही लगती है।

बाद में रेवाड़ी ले जाकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट व सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया। बच्ची की 3-4 बार जांच कराई तो कुछ नहीं मिला। इसके बाद रात को 1.30 बजे घर छोड़ा। डॉक्टरों व पुलिस ने हमें बदनाम करने में कसर नहीं छोड़ी। भगवान का शुक्र है सच्चाई सामने आ गई।

पुष्टि के लिए नहीं कराया अल्ट्रासाउंड
13 वर्षीय बच्ची अपनी मां के साथ थायराइड की जांच कराने 24 अप्रैल को बासदूधा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गई थी। उन्होंने बताया कि बच्ची का वजन भी अचानक बढ़ रहा है। इस पर डॉक्टर ने प्रेग्नेंसी टेस्ट किट मंगाकर जांच की। डॉक्टरों ने किट से यूरिन प्रेग्नेंसी टेस्ट (यूपीटी) पॉजिटिव बताया और कुंड पुलिस चौकी में शिकायत कर दी। पुष्टि के लिए न डॉक्टरों ने न पुलिस ने अल्ट्रासाउंड कराया। सिर्फ डॉक्टर की किट रिपोर्ट के आधार पर तुरंत एफआईआर भी दर्ज कर ली।

बच्ची को मजिस्ट्रेट और सीडब्ल्यूसी के समक्ष भी पेश कर दिया। जबकि बाद में कराई तीन-चार बार की जांच में बच्ची के गर्भवती होने की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने तथा बच्ची से असहज सवाल पूछने के आरोप परिवार की ओर से लगाए गए थे। इसकी जांच एसपी दीपक सहारण ने डीएसपी को सौंपी थी। ग्रामीणों ने संबंधित पुलिसकर्मियों और अस्पताल स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की थी।

एफआईआर की गई कैंसिल : एसएचओ
डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर खोल थाना पुलिस ने बच्ची के मामले में 24 अप्रैल को ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। यह मुकदमा दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दर्ज किया गया। खोल थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि बच्ची गर्भवती है। इसलिए इस एफआईआर को कैंसिल कर दिया गया है।

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