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राजस्थान के अलवर जिले की चौंकाने वाली घटना: मंत्री की पत्नी के नाजायज संबंधों ने बर्बाद किया परिवार

मंत्री की पत्नी के नाजायज
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मंत्री की पत्नी के नाजायज

राजस्थान के अलवर जिले की चौंकाने वाली घटना: मंत्री की पत्नी के नाजायज संबंधों ने बर्बाद किया परिवार

मंत्री प्रेम सिंह का जीवन और परिवार

राजस्थान के अलवर जिले के प्रभावशाली मंत्री प्रेम सिंह अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रहे थे। उनकी पत्नी, सावित्री देवी, अपनी सुंदरता और महंगे शौक के लिए जानी जाती थीं। उनका एक बेटा रोहन सिंह था, जो स्कूल हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था।

दुर्घटना जिसने सब कुछ बदला

14 जून 2024 को मंत्री प्रेम सिंह एक गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए। ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर किशन सिंह ने अपनी जान पर खेलकर मंत्री को बचाया और अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने मंत्री की जान तो बचा ली, लेकिन यह बताया कि दुर्घटना के कारण वे अपनी पत्नी को पति का सुख देने में असमर्थ रहेंगे।

मजदूर किशन सिंह का सम्मान और नौकरी

मंत्री प्रेम सिंह ने अपनी पत्नी सावित्री देवी के साथ मिलकर मजदूरों को धन्यवाद देने और खाना खिलाने का आयोजन किया। इस दौरान सावित्री देवी की नजर किशन सिंह पर पड़ी। किशन सिंह को उनके घर में काम पर रखा गया, लेकिन जल्द ही घटनाएं अप्रत्याशित मोड़ लेने लगीं।

नाजायज संबंधों की शुरुआत

मंत्री के व्यस्त रहने और स्वास्थ्य समस्याओं के चलते सावित्री देवी अकेलापन महसूस करने लगीं। इस दौरान उनकी नजदीकियां किशन सिंह से बढ़ने लगीं। दोनों के बीच नाजायज संबंधों का सिलसिला शुरू हो गया।

बेटे ने देखी मां की करतूत

27 अक्टूबर 2024 को, मंत्री का बेटा रोहन अचानक घर पहुंचा। उसने अपनी मां सावित्री देवी और किशन सिंह को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। यह घटना रोहन के लिए चौंकाने वाली थी। उसने तुरंत यह बात अपने पिता को बता दी।

मंत्री ने उठाया बड़ा कदम

सावित्री देवी और किशन सिंह की सच्चाई सामने आने पर प्रेम सिंह ने तुरंत पुलिस को बुलाया। किशन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया, और मंत्री ने अपनी पत्नी से तलाक ले लिया।

परिवार का अंत और बदनामी

इस घटना के बाद मंत्री प्रेम सिंह ने अपने बेटे रोहन के साथ रहने का फैसला किया। सावित्री देवी अपनी मां के घर लौट गईं। यह घटना न केवल उनके परिवार को बर्बाद कर गई, बल्कि समाज में उन्हें शर्मिंदा भी होना पड़ा।

सबक और सतर्कता

यह घटना हमें सिखाती है कि रिश्तों में विश्वास और निष्ठा कितनी जरूरी है। किसी भी परिस्थिति में अपने परिवार और संबंधों की गरिमा बनाए रखना हमारा दायित्व है।

जय हिंद, वंदे मातरम्।

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