यौगिक एवं प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाने का किया आह्वान
यौगिक एवं प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाने का किया आह्वान
सिरसा।
महानिदेशक आयुष हरियाणा के निर्देशानुसार तथा जिला आयुर्वेदिक अधिकारी के आदेशानुसार शनिवार को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस आहार ही औषध विषय पर आयोजित किया गया। इस दौरान कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. सुरेंद्रपाल, डा. गगन गोयल ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया।
तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा. लुकेश वधवा ने दीप प्रज्वलन करते हुए तथा प्राकृतिक जीवन एवं प्राकृतिक उपचार की उपयोगिता को बताते हुए नैसर्गिक जीवन जीने के बारे प्रेरित करते हुए किया। इस दौरान डा. राजेंद्र वर्मा बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे। इन्होंने अपने वक्तव्य के माध्यम से बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा का मूल आधार पंच महाभुत है, जिनका असंतुलन होना ही रोग तथा इनका संतुलन ही आरोग्यता है।
उन्होंने बताया कि आज के अत्याधुनिक परिवेश में हम अपने जीवन उपयोगी नैसर्गिक आहार विहार से दूर होने के कारण तथा प्राकृतिक साहचर्य से वंचित होने कारण जीवनशैली जन्य व्याधियों से ग्रस्त हो जाते हैं। इनसे बचाव के लिए हमें सर्व प्रथम अपनी गलत आदतों को ठीक करते हुए सूर्योदय से पूर्व उठना, योग एवं व्यायाम करना,, प्राकृतिक आहार शैली को अपनाना होगा।
साथ ही इन्होंने बताया कि प्रकृति मां स्वयं चिकित्सक है, केवल इसके प्रति समर्पण करने मात्र से हम अपने जीवन को रोगमुक्त कर सकते हैं। इसके बाद योग विशेषज्ञ आचार्य मांगेराम ने यौगिक एवं प्राकृतिक जीवनशैली बारे बताते हुए कहा कि यम-नियम का पालन और नैसर्गिक दिनचर्या की पालना कर जीवन की सार्थकता के साथ जिया जा सकता है।
इसके पश्चात आहार ही औषधि प्रदर्शनी में आंवला, पालक, बथुआ, पुदीना, लेमन ग्रास, चकुंदर, पत्थरचट्ट, लौकी, पेठा, हल्दी, मरुआ आदि के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डा. राजेंद्र वर्मा ने आए हुए जन साधारण और आयुष योग सहायकों को उक्त आहार के औषधीय गुणों बारे में बताया कि इनका आहार में नियमित उपयोग हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
कार्यक्रम में मंच संचालन में साहिल कुमार, जलपान सुमन कुमार, पवन कुमार, रवन कुमार, प्रदर्शनी में सुमन रानी, निशा रानी, रितु के साथ-साथ विभाग के अधिकारीगण व सभी आयुष योग सहायक सहित कुल 112 लोगों की भागीदारी रही। कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ के साथ हुआ।