राजनीतिक दलों ने की दलित समाज की अनदेखी: इंद्राज धुंधवाल
Political parties ignored Dalit community: Indraj Dhundwal

राजनीतिक दलों की अनदेखी पर मीडिया से रू-ब-रू हुए समाज के प्रबुद्धजन
सिरसा। एस सी ए समाज में 36 बिरादरियां हंै और सिरसा लोकसभा में 8 लाख से अधिक वोटर एस सी ए समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राजनीतिक दलों खासकर भाजपा व कांगे्रस ने एस सी ए वर्ग की हमेशा से अनदेखी की है और एस सी ए समाज को अभी तक राजनीति में भागीदारी से वंचित रखा है।
दलित समाज को आज तक इन दोनों दलों ने तरजीह नहीं दी
, जिसके कारण समाज अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है। समाज अब राजनीतिक दलों की उपेक्षा को महसूस नहीं करेगा।
उक्त बातें अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायक प्रदेश प्रभारी व उपेक्षित दलित समाज के प्रदेशाध्यक्ष इंद्राज धुंधवाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि बीजेपी टिकट वितरण कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस द्वारा टिकट का वितरण किया जाना है।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में सभी को अपने अधिकार मांगने का हक है और हम अपना हक ही राजनीतिक दलों से मांग रहे हंै
। धुंधवाल ने कहा कि जबतक समाज का प्रतिनिधि नहीं होगा, तब तक समाज का उत्थान नहीं हो सकता। समाज की समस्याओं को दूर करवाने में समाज सफल नहीं हो
पाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ये राजनीतिक पार्टियां इस प्रकार से समाज के साथ सौतेला व्यवहार करेगी तो समाज कहां जाएगा? धुंधवाल ने अशोक तंवर पर तंज कसते हुए
कहा कि जो व्यक्ति रोजाना दल बदल रहा है, भाजपा ने उसमें ऐसा क्या देखा, जिसे पार्टी में आते ही उसे टिकट थमा दिया। जनता को भी इस बारे में गौर करना होगा, ताकि
इस प्रकार के लोगों को सबक सिखाया जाए। उन्होंने चेताते हुए कहा कि अगर दोनों राजनीतिक दलों ने इसी प्रकार का व्यवहार जारी रखा तो उन्हें मजबूरन समाज का
आजाद उम्मीदवार को मैदान में उतारना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनका दोनों पार्टियों के हाईकमान से आग्रह है कि वे एक ही समाज को आगे न लाकर अन्य वर्गों को भी
राजनीति में भागीदारी प्रदान करे। इस मौके पर अंबेडकर क्रांति मंच से उपाध्यक्ष व हरियाणा वाल्मीकि महापंचायत से हिसार जोन प्रभारी विरेंद्र पेहवाल ने कहा कि बाबा
साहेब ने कहा था कि अपने हकों के लिए जब तक आवाज नहीं उठाओगे, तब तक कुछ नहीं मिलेगा। हम अपने हकों के लिए ही आवाज को बुलंद कर रहे हंै। पेहवाल ने
कहा कि भाजपा व कांग्रेस की ओर से अब तक एक ही समाज (चमार जाति) को ही प्राथमिकता दी जा रही है, जोकि दलित समाज के साथ अन्याय है। पेहवाल ने अशोक तंवर
की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो व्यक्ति इतने दल बदल चुका है, वो जनता की क्या सुनेगा। अशोक तंवर को वोट देने वालों को भी सोचना चाहिए कि वो उन्हें
किस आधार पर वोट दें। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज की रोजाना बैठकों का दौर जारी है। अगर कांग्रेस टिकट नहीं देती है तो उन्हें मजबूरन आजाद उम्मीदवार के तौर
पर समाज का प्रतिनिधि मैदान में उतारना पड़ेगा। इस मौके पर उनके साथ देसराज भट्टूकलां भी उपस्थित थे।