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रिटायर्ड IAS राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव पद‌ पर नियुक्ति में प्रशासनिक बाधा नहीं -- एडवोकेट हेमंत

There is no administrative hurdle in the appointment of retired IAS Rajesh Khullar to the post of Chief Principal Secretary to the Chief Minister - Advocate Hemant
rajesh
मुख्य प्रधान सचिव पद‌

गत दिवस खुल्लर की कैबिनेट मंत्री के रैंक और दर्जे में  हुई नियुक्ति को हालांकि देर रात कर  दिया गया स्टे

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव भी हैं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, 2019 में दिया गया था कैबिनेट मंत्री का दर्जा

चंडीगढ़ -  हरियाणा सरकार  के मुख्य सचिव  टी.वी.एस.एन. प्रसाद के हस्ताक्षर से‌‌ गत दिवस   18 अक्तूबर 2024  को जारी एक आदेश मार्फ़त  1988 बैच के प्रदेश कैडर के  रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्रीहरियाणा  के मुख्य प्रधान सचिव (चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी टू चीफ मिनिस्टर- सी.पी.एस.सी.एम.) के पद पर नियुक्ति की गई  जिसे   कैबिनेट मंत्री के रैंक एवं दर्जे में भी दर्शाया गया. आदेश में इस   नियुक्ति के  प्रदेश के  मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी  के  कार्यकाल के यथावत होने का भी उल्लेख किया गया अर्थात जब तक सैनी मुख्यमंत्री रहेंगे, तब तक खुल्लर भी   पद पर कायम रहेंगे.  बहरहाल, उपरोक्त  आदेश जारी होने के कुछ घंटों बाद ही बीती देर रात मुख्य सचिव द्वारा जारी एक  ताज़ा  आदेश द्वारा खुल्लर की उपरोक्त पद पर नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगा की गई है.

गत वर्ष 1 सितम्बर 2023  को‌ भी  हरियाणा सरकार द्वारा जारी एक आदेश  मार्फत  राजेश खुल्लर को हरियाणा के तत्कालीन  मुख्यमंत्री‌ मनोहर लाल खट्टर  के मुख्य प्रधान सचिव‌‌  पद पर नियुक्त किया गया था. खुल्लर ने तब  रिटायर्ड आईएएस डीएस ढेसी  का स्थान लिया था  जो‌ उससे पूर्व करीब  3 वर्षों तक इस पद‌ पर कार्य‌रत रहे  थे. ढेसी को तब मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव पद से  पदमुक्त ( रिलीव) कर  हालांकि  शहरी विकास के प्रधान सलाहकार‌ नामक नव सृजित पद पर नियुक्त किया गया था.   सनद रहे कि खुल्लर नवंबर, 2015 से  अक्तूबर, 2020 अर्थात 5 वर्षों तक आईएएस‌  रहते‌ हुए‌ भी हरियाणा के मुख्यमंत्री‌ खट्टर के प्रधान सचिव तैनात रहे थे जिसके बाद खुल्लर की  वाशिंगटन डी.सी. (अमेरिका) में स्थित  वर्ल्ड बैंक मुख्यालय  में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर तीन वर्ष के लिए नियुक्ति हुई थी जहाँ से वह हालांकि  फरवरी,2023 में कार्यमुक्त होकर  हरियाणा आईएएस कैडर  में वापिस आ गए थे.

इसी बीच खुल्लर के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के पद पर नियुक्ति के विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए‌  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और प्रशासनिक मामलों के जानकार  हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया  कि आज से चार वर्ष पूर्व   अक्टूबर, 2020  में  हरियाणा  सरकार द्वारा  मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्च पद पर किसी  रिटायर्ड आईएएस या अन्य अधिकारी को  नियुक्त करने को  वैधता देने बारे  सचिवालय की कार्यप्रणाली की हिदायतों में संशोधन कर यह प्रावधान किया  था कि  मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव, उप प्रधान सचिव के अलावा  मुख्यमंत्री द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी भी मुख्यमंत्री के आदेशों को सम्प्रेषित कर सकता है अर्थात  मुख्यमंत्री   की ओर से  आदेश/निर्देश पर‌‌ हस्ताक्षर कर सकता है. इसी संशोधन के बाद ही सर्वप्रथम रिटायर्ड आईएएस डी.एस. ढेसी की मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्य‌ प्रधान‌ सचिव पद पर नियुक्ति की गई थी जिसके बाद गत वर्ष सितम्बर, 2023 में खुल्लर की उक्त पद पर नियुक्ति हुई थी. उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा के  मौजूदा एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन को भी अगस्त,  2015 में हरियाणा सरकार द्वारा  कैबिनेट मंत्री का रैंक और दर्जा दिया था जो आज तक चल रहा है.

हेमंत ने आगे  बताया कि चूँकि दिसंबर, 2018 में केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के लिए निर्धारित और स्वीकृत आईएएस  कैडर पदों में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, विशेष प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव और उप प्रधान सचिव का एक- एक पद तो शामिल हैं परन्तु  मुख्य प्रधान सचिव का  नहीं, इसलिए यह आईएएस का  कैडर पद  नहीं है एवं इस प्रकार के पद सृजित करने में राज्य सरकार कानूनन सक्षम है.  वर्तमान में  मुख्यमंत्री कार्यालय में 1993 बैच के आईएएस वी. उमाशंकर बतौर   मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद  पर‌ तैनात हैं  जबकि 2003 बैच के आईएएस अमित अग्रवाल  और 2004 बैच की  आईएएस आशिमा बराड़ दोनों मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव  तैनात हैं.

हेमंत ने बताया कि पडोसी राज्य पंजाब  में  भी मार्च, 2017 में सत्ता सँभालते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन‌ अमरिंदर  सिंह ने  पंजाब कैडर के   एक रिटायर्ड आईएएस सुरेश कुमार को उनका मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया था  हालांकि जनवरी,2018 में हाई कोर्ट के एक सिंगल बेंच‌ ने उस  नियुक्ति  को भारत के संविधान के अनुच्छेद 166 (3) और उनके अंतर्गत बनाए गए नियमों की अवहेलना में किया गया करार करते हुए खारिज कर दिया था. इसके बाद  हाई कोर्ट के डिवीज़न बेंच ने फरवरी, 2018 में‌  सिंगल बैंच  के  फैसले को‌‌‌‌ स्टे कर दिया गया. सुरेश कुमार सितम्बर, 2021 तक अर्थात जब तक अमरिंदर‌ सिंह मुख्यमंत्री पद पर रहे, तब तक उनके मुख्य प्रधान सचिव‌‌ रहे. हालांकि उनके कार्यकाल दौरान उनकी उक्त पद‌ पर नियुक्ति उक्त मामला हाई कोर्ट के  डिवीजन बेंच के समक्ष लंबित रहा. बहरहाल, अप्रैल, 2022 में हाईकोर्ट के  डिवीजन बेंच ने रिटायर्ड आईएएस सुरेश कुमार की  मुख्यमंत्री पंजाब के मुख्य प्रधान सचिव‌‌ पद‌ पर नियुक्ति को‌ वैध‌ ठहराया था.

हेमंत ने  यह भी बताया  कि मई, 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने भी उत्तर प्रदेश कैडर के एक रिटायर्ड आईएएस नृपेंद्र मिश्रा को उनका प्रधान सचिव‌‌ नियुक्त किया था और  फिर सितम्बर, 2019 में  गुजरात कैडर के  एक सेवानिवृत्त आईएएस प्रमोद कुमार मिश्रा को‌ प्रधान सचिव‌‌ नियुक्त किया‌ जो आज भी‌ कार्यरत हैं. वर्ष 2019 में उपरोक्त  दोनों को भी केंद्र सरकार द्वारा  कैबिनेट मंत्री का रैंक एवं दर्जा दिया गया था. पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल  में उनके प्रधान सचिव रहे ब्रजेश मिश्रा भी रिटायर्ड आईएफएस‌ ( भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी थे.

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