logo

प्रभुनाम के सिवाय सब कुछ नाश्वान है: नित्यानंद गिरी

Everything is imperishable except the name of God: Nityanand Giri
b
नित्यानंद गिरी

सिरसा। इन्सान अपने घर परिवार के लिए बड़ी मेहनत करता है, अपने सुख-दुख की परवाह किए बिना दिन-रात काम में जुटा रहता है, लेकिन संसार में जो कुछ भी दिखाई दे रहा है, सब नाश्वान है। बेटा, मकान, जमीन-जायदाद, प्रोपर्टी, बैंक बैलेंस सब कुछ यहीं रह जाएगा, इन्सान के साथ अगर कुछ जाएगा तो वह प्रभु-परमात्मा का नाम है, जिसका जाप करने से इन्सान अकसर बचता रहता है।

यह उद्गार कथाव्यास पीठासीन स्वामी सदाशिव नित्यानंद गिरी महाराज ने वीरवार को फूलकां गौशाला में कथा के दौरान कहे। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी अमीर चावला ने भी सत्संग में शिरकत की। इस दौरान चावला ने अपने संबोधन में कहा कि कोई समय था, जब फूलकां गांव के लोगों में आपसी मनमुटाव बहुत ज्यादा रहता था, लेकिन गौमाता की कृपा से जब यहां गौशाला का निर्माण हुआ तो वह आपसी मनमुटाव प्रेम में बदल गया। यह गऊ माता का ही प्रताप है।
श्रीब्रह्म पुराण कथा के पांचवें दिन बड़ी संख्या में पहुंचे श्रोताओं को गौसेवा की महिमा बताते हुए  स्वामी नित्यानंद महाराज ने कहा कि गौसेवा इन्सान के लिए उत्तर सेवा है। बहुत से बुजुर्ग ऐसी भी हैं, जो अपनी पैंशन में से भी गऊमाता के लिए दान करते हैं।

यदि आपके घर में कमाने वाला कोई नहीं है और पेंशन पर आश्रित हो तो कोई बात नहीं, अन्यथा हर बुजुर्ग को अपनी पेंशन का कम से कम दसवां हिस्सा गौसेवा में दान करना चाहिए। स्वामी नित्यानंद ने कहा कि गाय के लिए भूमिदान का भी बड़ा महत्व है। यदि कोई गौसेवा के लिए भूमि का दान करता है तो उसकी कई कुलों का उद्धार होता है, ऐसा हमारे धर्म शास्त्रों में भी जिक्र आता है। कथा दौरान गिरी महाराज ने उज्जैन राज्य के महाराज इंद्रधुमन के बारे में विस्तार से बताते हुए समझाया कि व्यक्ति को जीवन में दूसरे के कर्ज से बचना चाहिए। जिंदगी में हमेशा लेने से संकोच करो ताकि किसी का कर्ज न चढ़े।

और वहीं दान देने में कभी पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से इन्सान के बुरे कर्म कट जाते हैं और भविष्य भी सुनहरा बन जाता है।


** बुरा ना मानो होली है!
कथा के दौरान स्वामी नित्यानंद गिरी महाराज लोगों को समझाते हुए वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति के नाम पर चल रहे विचारों पर व्यंग्य कसते हैं। खासकर दुनिया मोह-माया में उलझे लोगों को राम नाम से जोडऩे के लिए कई बार सख्त शब्दों का प्रयोग करते हैं और बाद में बुरा ना मानो होली है कहकर सबको खूब हंसाते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
">