हरियाणा के लाखों बुजुर्गों के लिए बड़ी खुशखबरी ! अब Free तीर्थयात्रा करेंगें हरियाणा के लाखों बुजुर्ग !
Great news for lakhs of elderly people of Haryana! Now lakhs of elders of Haryana will do free pilgrimage!
राज्य सरकार ने ऐसे 29 लाख बुजुर्गों की पहचान की है जो गरीब परिवारों से हैं. सरकार इस महीने के अंत तक तीर्थयात्रा के लिए आवेदन के लिए एक पोर्टल लॉन्च करने जा रही है.
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हरियाणा में बुजुर्गों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। हरियाणा सरकार इस सुविधा का लाभ उन बुजुर्ग लोगों को मुफ्त में देगी जो आर्थिक तंगी के कारण अपने पसंदीदा धार्मिक स्थलों के दर्शन करने में असमर्थ हैं।
राज्य सरकार ने ऐसे 29 लाख बुजुर्गों की पहचान की है जो गरीब परिवारों से हैं. सरकार इस महीने के अंत तक तीर्थयात्रा के लिए आवेदन के लिए एक पोर्टल लॉन्च करने जा रही है.
इन तीर्थ स्थलों के दर्शन करेंगे
पोर्टल पर आवेदन करने के बाद सरकार ऐसे लोगों को समूह में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या, महाकाल की नगरी उज्जैन, गुरु गोबिंद सिंह की नगरी श्री नांदेड़ साहिब और बाबा काशीनाथ की नगरी वाराणसी की मुफ्त यात्रा का लाभ देगी.
पूरा खर्च सरकार उठाएगी
आपको बता दें कि हाल ही में करनाल में आयोजित अंत्योदय सम्मेलन के दौरान हरियाणा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री मुफ्त तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत 1 लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले परिवारों के बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने का प्रावधान किया गया है।
इस योजना के तहत पात्र बुजुर्गों को तीर्थ स्थलों तक लाने-ले जाने का खर्च सरकार वहन करेगी, जबकि खाने-पीने और रहने का पूरा खर्च संबंधित बुजुर्ग को उठाना होगा। हालाँकि, सरकार इन व्यवस्थाओं को बनाने में मदद भी करेगी और संबंधित तीर्थ स्थलों पर दर्शन कराने में भी सहायता करेगी।
स्वयंसेवक मदद करेंगे
सीएम मनोहर लाल के प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने कहा कि मुफ्त तीर्थयात्रा योजना के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है. हरियाणा सरकार हर तीर्थयात्रा पर बुजुर्गों के साथ स्वयंसेवक भेजेगी, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
सीएम करेंगे पोर्टल का शुभारंभ
इस महीने के अंत तक पोर्टल लॉन्च होने की उम्मीद है, जिस पर बुजुर्गों को तीर्थयात्रा के लिए आवेदन करना होगा. आवेदन करने वाले बुजुर्गों को यह बताना होगा कि वे किस महीने में किस धार्मिक स्थान पर जाना चाहते हैं। जिसके बाद सरकार अपने स्तर पर संबंधित माह की तारीख तय कर इन यात्रियों के अलग-अलग बैच बनाएगी.
प्रत्येक बैच में बुजुर्गों की न्यूनतम संख्या 30 होगी जबकि अधिकतम संख्या कोई भी हो सकती है। यदि बुजुर्गों की संख्या बहुत अधिक है तो सरकार संबंधित धार्मिक स्थल तक पहुंचने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था भी कर सकती है।