विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025: हर 6 में से एक भारतीय गुर्दे के रोग से पीडि़त: डा. आशीष गुप्ता
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025:
हर 6 में से एक भारतीय गुर्दे के रोग से पीडि़त: डा. आशीष गुप्ता
सिरसा। गुर्दे जिन्हें हम शरीर का फिल्टर भी कह सकते हैं, हमें स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। ये निरंतर 24 घंटे, 365 दिन, हर पल हमारे खून को छानकर विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर पेशाब के रास्ते निकालते हैं। यदि किसी कारण से गुर्दे खराब हो जाएं तो ये विषैले पदार्थ शरीर में एकत्र हो जाते हैं, जिससे डायलिसिस या गुर्दा प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ सकती है।
शहर के स्पर्श अस्पताल के प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डा. आशीष गुप्ता ने बताया कि एक शोध के अनुसार भारत में हर 6 में से एक व्यक्ति अपने जीवन काल में कभी न कभी गुर्दा रोग से प्रभावित होता है, जिसका यदि समय रहते इलाज न किया जाए को गुर्दा हमेशा के लिए खराब भी हो सकता है।
गुर्दा खराब होने के आम लक्ष्ण:
डा. गुप्ता ने बताया कि गुर्दे खराब होने के आम लक्ष्णों में जैसे
1. हाथ-पैर में सूजन,2. खून की कमी,
3. हड्डियों की कमजोरी,
4. हृदय से संबंधी बिमारियां,
5. कमर में दर्द,
6. भूख कम लगना,
7. त्वचा का खुश्क होना आदि।
गुर्दों को स्वस्थ रखने के लिए जीवन शैली के बदलाव:
1. आहार में नमक, शक्कर और वसा की मात्रा कम रखें।
2. हफ्ते में कम से कम 3 बार 30 मिनट के लिए व्यायाम करें।
3. रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं।
4. धूम्रपान, तंबाकू, शराब व नशे से दूर रहें।
5. कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की नियमित जांच करवाएं।
6. किसी भी गुर्दे संबंधी बिमारी के लिए अनुभवी यूरोलोजिस्ट या गुर्दा रोग विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।